नई दिल्ली, 2 अप्रैल (वीएनआई)| केंद्र द्वारा लोकसभा को आज सूचित किया गया कि सर्वोच्च न्यायालय के अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) अत्याचार रोकथाम अधिनियम को कमजोर करने के आदेश को लेकर एक समीक्षा याचिका दाखिल की है।
निचले सदन में हंगामे व विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि एससी/एसटी अधिनियम महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिस पर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान चर्चा चाहता है। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने सदन को सूचित किया कि सरकार ने एक समीक्षा याचिका दायार की है। अनंत कुमार ने कहा, मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि मोदी 100 फीसदी अनुसूचित जातियों के पक्ष में है। उन्होंने कहा, हम एक समीक्षा याचिका दाखिल कर चुके हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने 20 मार्च को अपने फैसले में कहा था कि एससी/एसटी अत्याचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपी की गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है और प्रतिरोधी कार्रवाई प्रारंभिक जांच या सक्षम अधिकारी की मंजूरी के बाद होगी। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा, अत्याचार अधिनियम के तहत प्रथम दृष्टया यदि मामला नहीं बनता है तो इसके खिलाफ अग्रिम जमानत देने पर पूर्ण रूप से रोक नहीं है।
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