नई दिल्ली 21 मार्च (वीएनआई) 18 मार्च से वासंतिक नवरात्र शुरू हो गया है। इस बार की नवरात्रि मान्यता के आधार पर केवल 8 दिन की ही हैं। इसमें 24 मार्च को अष्टमी की पूजन की जाएगी। इस दिन श्रद्धालु माता के महागौरी रूप की आराधना करते हैं। इसके बाद 25 तारीख को श्रीराम नवमी मनाई जाएगी, साथ ही माता की नवमी पूजन भी की जाएगी। आज वासंतिक नवरात्रि का चौथा दिन है।
आज चौथे दिन दुर्गा के स्वरुप माँ कुष्मांडा की पूजा की जाती है। मान्यता है की सृष्टि की रचना से पहले जब हर तरफ अंधकार था और कोई भी प्राणी नहीं था तो माँ दुर्गा ने ब्रह्माण्ड की रचना की थी। इस कारन इन्हे कुष्मांडा कहा जाता है। इनकी आठ भुजाये होती है और ये सिंह पर सवार होती है। माँ के सात हाथो में चक्र, गदा, धनुष, कमंडल, अमृत का कलश, बाण और कमल का फूल है और आठवें हाथ में जपमाला है जो सभी प्रकार की सीढ़ियों से युक्त है। इसलिए नवरात्र में मान्यता है की इनकी अर्चना से तेज की प्राप्ति होती है।
कुष्मांडा माँ की अर्चना के लिए मन्त्र इस प्रकार है :-
"सुरासम्पूर्णकलशं रूधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे"
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