नई दिल्ली, 31 मार्च (वीएनआई)| आईसीआईसीआई बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर, वीडियोकोन ग्रुप के अधिकारियों और अन्य के खिलाफ आईसीआईसीआई बैंक द्वारा 3,250 करोड़ रुपये के ऋण दिए जाने के संबंध में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है।
एजेंसी ने बैंक द्वारा दी गई राशि के संबंध में हुई किसी भी अनियमितता के बारे में पता लगाने के लिए इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि चंदा कोचर, जिन पर किसी व्यक्ति को फायदा पहुंचाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि दीपक कोचर को अन्य अधिकारियों के साथ पूछताछ के लिए जल्द ही बुलाया जाएगा। इन अधिकारियों के साथ उन लोगों को भी पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है, जो वीडियोकोन समूह को ऋण दिए जाने में शामिल थे।
सीबीआई ने यह कदम उन खबरों के आधार पर उठाया है, जिसमें वीडियोकोन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत ने आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये के ऋण लेने के छह महीने बाद कथित रूप से दीपक कोचर और उसके दो सहयोगियों के प्रोत्साहन वाले एक कंपनी को पैसे मुहैया कराए। धूत द्वारा कोचर को दी गई राशि 40,000 करोड़ रुपये बताई गई है जिसे वीडियोकोन ने भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले 20 बैंकों के समूह से प्राप्त किया था। इस मामले में प्राथमिकी पर्याप्त सबूतों के बारे में पता लगाने के लिए की गई है, ताकि मामले की विस्तृत जांच हो सके। अगर पर्याप्त सबूत इस बात की ओर इशारा करेंगे कि सं™ोय अपराध हुआ है, तो इस प्राथमिकी को सामान्य मामले या एफआईआर में तब्दील कर दिया जाएगा। सूत्रों ने कहा है कि वीडियोकोन समूह को 2012 में दिए गए ऋण संबंधी दस्तावेज एजेंसी को प्राप्त हो गए हैं।
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