नई दिल्ली, 29 जनवरी (वीएनआई)| देश के बैंकिंग क्षेत्र का प्रदर्शन और खासतौर से सरकारी बैंकों का प्रदर्शन चालू वित्त वर्ष में कमजोर रहेगा। आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में आज यह जानकारी दी गई।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आज सदन में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सर्वेक्षण के मुताबिक, बैंकों को अपने फंसे हुए कर्ज की वसूली में सक्षम बनाने के लिए कॉरपोरेट दिवालिया समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई कि कुल 535 कंपनियों पर सीआईआरपी के तहत कार्रवाई की जा रही है, जिन पर बैंकों का कुल 1,28,810 करोड़ रुपये बकाया है। सर्वेक्षण के मुताबिक, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) का सकल गैर-निष्पादन अग्रिम (जीएनपीए) अनुपात 2017 के मार्च और 2017 के सितंबर के बीच 9.6 फीसदी से बढ़कर 10.2 फीसदी हो गया, जबकि उनके पुनर्गठन मानक अग्रिम (आरएसए) अनुपात इस दौरान 2.5 फीसदी से घटकर दो फीसदी हो गया।
इसी अवधि में तनावग्रस्त अग्रिम (एसए) अनुपात में मामूली वृद्धि हुई और यह 12.1 फीसदी से बढ़कर 12.2 फीसदी हो गया। सरकारी बैंकों का जीएनपीए अनुपात 2017 में मार्च से सितंबर के बीच 12.5 फीसदी से बढ़कर 13.5 फीसदी हो गया। इसी अवधि में सरकारी बैंकों का तनावग्रस्त अग्रिम अनुपात 15.6 फीसदी से बढ़कर 16.2 फीसदी हो गया। जहां तक क्रेडिट की वृद्धि दर का सवाल है, इस सर्वेक्षण में बताया गया कि गैर-खाद्य क्रेडिट (एनएफसी) साल-दर-साल आधार पर 2017 के नवंबर में बढ़कर 8.85 फीसदी हो गया, जबकि 2016 के नवंबर में यह 4.75 फीसदी था।
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