वाशिंगटन, 8 अक्टूबर (वीएनआई)| भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत को तेजी से विकास करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में जीएसटी लागू होने से पैदा हुईं कठिनाइयों के बावजूद सरकार के सुधार पहल को जनता का समर्थन है।
जेटली ने अमेरिका प्रस्थान करने से पहले बर्कले इंडिया सम्मेलन में वीडियो कॉन्फरेंस के माध्यम से अपने एक संबोधन में कहा, देश के सामने स्पष्ट चुनौतियां उभरेंगी और तेजी से उभरेंगी। हालिया अतीत की तुलना में ये चुनौतियां अपेक्षाकृत अधिक तेजी से बढ़ रही हैं। जेटली अमेरिका में होने वाली अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की आगामी वार्षिक बैठक में भाग लेने सोमवार तड़के अमेरिका रवाना होंगे। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि भारत एक बार फिर अपनी विकास दर को हासिल करने और अपने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम है, क्योंकि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे पास सेवा करने के लिए न केवल बड़ी आबादी है, बल्कि हमारे पास सेवा करने के लिए एक बहुत ही युवा आबादी है। उन्होंने कहा, "हमें एक तेज गति से आगे बढ़ना होगा", उन्होंने कहा कि एक युवा और आकांक्षापूर्ण आबादी तेजी से परिवर्तन और सुधारों को बदलना चाहती है, और नतीजे देखने के लिए उत्सुक है।"
जेटली ने कहा, इसलिए समय हमारे विपरीत दिशा में चल रहा है। सुस्त विनिर्माण के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के दौरान, विकास दर 5.7 फीसदी पर आ गई, जो नरेंद्र मोदी के शासनकाल में जीडीपी की सबसे कम दर है। वित्तमंत्री ने सुधारों पर कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ने राष्ट्रीय कर संरचना का निर्माण किया है। उन्होंने कहा, "तीन महीनों में, आपके राज्यों में सभी जांच नाके गायब हो गए हैं, आपके पास माल और सेवाओं का स्पष्ट प्रवाह है, जो पूरे देश में शुरू हुआ है। अनुपालन से संबंधित मुद्दों को स्वीकार करते हुए जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद ने इन चुनौतियों का उल्लेख किया है और उनसे निपटने के लिए कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी एक 'उचित सुचारु परिवर्तन' रहा है, लेकिन इसमें सुधार की भी संभावना है।
जेटली ने कहा, मुझे लगता है कि जीएसटी परिषद के रूप में हम भारत की पहली संघीय संस्था बनाने में सफल हुए हैं। उच्च मूल्य की मुद्रा को बंद करने के विषय पर उन्होंने कहा कि भारतीय नागरिकों को उच्च नकदी अर्थव्यवस्था के साथ रहना था और करों का भुगतान नहीं करना था। उन्होंने कहा,"आप एक संपत्ति खरीदते हैं, आप आंशिक रूप से नकदी लेकर चलते हैं, और व्यापार में आप दो खातों के सेट को बनाए रखते हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से जम्मू और कश्मीर और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में विद्रोही और आतंकवादी गतिविधियों में तेजी से गिरावट आई है। उन्होंने कहा, "आप आतंकवादी घटनाएं कर रहे हैं, लेकिन तथ्य यह है कि आप पाएंगे कि आतंकवादी संगठन 5,000-10,000 लोगों को पत्थर फेंकने के लिए पैसे मुहैया करा रहे थे, ऐसा क्यों है कि पिछले आठ-10 महीनों में ऐसा नहीं हुआ है।"
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