नई दिल्ली, 7 नवंबर (वीएनआई)| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काले धन पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए नोटबंदी के कदम का जोरदार बचाव करते हुए आज कहा कि नोटबंदी और ऐसे ही उठाए गए अन्य कदम यथास्थिति को भंग कर, भारत जिस तरह से खर्च करता है, उसमें बदलाव की प्रक्रिया को शुरू करने के लिए उठाए गए।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा, नोटबंदी के अलावा अगर आप पिछले तीन-चार सालों में हमारे द्वारा उठाए गए कदम को देखें तो आप पाएंगे कि इस बात को प्रमुख रूप से उभारने में सफल रहे हैं कि भारत में वित्तीय लेनदेन कैसे किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे पास यह सवाल था कि क्या हमें यथास्थितिवादी बनते हुए ज्यादा मात्रा में नकदी इस्तेमाल करने वाले समाज को सभी गड़बड़ियों के साथ पहले की तह चलने देते रहना चाहिए।
जेटली ने कहा कि उनके सामने यह प्रश्न था कि क्या यथास्थिति पर टिका जाए या फिर इस विश्वास के साथ कदम बढ़ाया जाए कि एक उभरते महत्वाकांक्षी राष्ट्र को खुद में परिवर्तन लाना होगा। रियल एस्टेट खरीदने के लिए आंशिक रूप से नकदी भुगतान करना या टैक्स से बचने के लिए कंपनियों द्वारा दो बैंक अकाउंट रखने की ओर इशारा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने जो उपाय किए उनके तीन उद्देश्य नकदी के इस्तेमाल में कमी, देश के कर आधार में वृद्धि और डिजिटल लेनदेन में बढ़ोतरी हैं।काले धन के खिलाफ उठाए गए कदम को सतच चलने वाली प्रक्रिया बताते हुए जेटली ने कहा कि तथ्य यह है कि नोटबंदी की यह सफलता है कि ज्यादातर प्रतिबंधित मुद्रा सिस्टम के पास वापस आ गई।
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