पेरिस 8 मई (वीएनआई) फ्रांस में रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अंतिम दौर के 'रन ऑफ' के लिए मतदान हुआ, जिसमें 39 साल के यूरोप समर्थक मध्यमार्गी नेता इमैनुएल मैक्रॉन भारी जीत से फ्रांस के अगले राष्ट्रपति बन गये हैं. मैक्रॉन का मुकाबला धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन (48) से था. मैक्रॉन को 66.06 फ़ीसदी वोट मिले हैं और मरी ल पेन को 33.94 फ़ीसदी वोट मिले.मैक्रॉन ने इससे पहले कोई निर्वाचित पद नहीं संभाला है.मैक्रॉन ने अपनी जीत पर कहा कि उनकी जीत फ़्रांस के इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत है अपने पहले भाषण में वादा किया कि वो देश में मौजूद भेदभाव वाली शक्तियों से लड़ेंगे ताकि यूरोपीय संघ और उनके देशवासियों के बीच संपर्क को पुनर्स्थापित किया जा सके.उन्होंने ये भी कहा कि वो विचारों के आधार पर बंटे हुए देश को जोड़ेंगे और चरमपंथ और जलवायु परिवर्तन के ख़तरों का मुकाबला करेंगे.
मैक्रॉन की विजय के बाद एक भाषण में मरी ल पेन ने उन एक करोड़ 10 लाख मतदाताओं का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने उनके लिए मतदान किया था.उन्होंने कहा कि चुनाव ने दिखा दिया है कि फ़्रांस 'देशभक्तों और वैश्वीकरण के हिमायतियों' में विभाजित है.ल पेन ने कहा कि उनकी नेशनल फ़्रंट पार्टी को पुनर्विचार करने की ज़रूरत है और उसकी शुरुआत वो तुरंत करेंगी ताकि आगामी संसदीय चुनाव में उन्हें जीत हासिल हो सके.उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने मैक्रॉन को शुभकामनाएं दी हैं कि वो फ़्रांस के सामने मौजूद चुनौतियों पर विजय हासिल करें.
राष्ट्रपति फ़्रांस्वां ओलांद ने भी इमैनुएल मैक्रॉन को बधाई दी और कहा कि चुनाव परिणामों ने दर्शाया है कि फ़्रांस के लोग 'गणतंत्र के मूल्यों' के लिए एकजुट होना चाह रहे थे.जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल के प्रवक्ता ने इमैनुएल मैक्रों की कामयाबी पर बधाई दी और कहा कि मैक्रों की सफलता एक मज़बूत और एकीकृत यूरोप की जीत है.मैक्रों ने जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल से फ़ोन पर बात की.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने इमैनुएल मैक्रॉन को सोशल मीडिया के ज़रिए बधाई दी और कहा कि वो उनके साथ मिलकर काम करने का इंतज़ार कर रहे हैं
गौरतलब है कि फ़ांसीसी गणतंत्र में 1958 के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि चुना गया राष्ट्रपति फ़्रांस के दो प्रमुख राजनीतिक दलों - सोशलिस्ट और सेंटर राइट रिपब्लिकन पार्टी से नहीं हैं.चुनाव विश्लेषकों ने पहले ही कहा था कि , करीब एक चौथाई मतदाता मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे, जिनमें मध्य दक्षिणपंथी उम्मीदवार फ्रांस्वां फिल्लन और धुर वामपंथी नेता जीन ल्यूक मेलेन्कोन के समर्थक शामिल हैं। फिल्लन और ल्यूक दोनों ही चुनाव के पहले चरण में प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गए थे। उनके समर्थक पेन और मैक्रॉन दोनों में से किसी को भी राष्ट्रपति पद के लिए नहीं चुनना चाहते।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में पहले दौर के लिये उतरे 11 उम्मीदवारों में से मैक्रों 24 प्रतिशत वोटों के साथ और ले पेन 21 प्रतिशत वोट हासिल कर शीर्ष पर रहे थे।दूसरे दौर के रन ऑफ चुनाव में शामिल ले पेन और मैक्रॉन ने मतदाताओं के समक्ष फ्रांस से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को उठाया था ।उदार मध्यमार्गी मैक्रॉन व्यापार समर्थक और यूरोपीय संघ के समर्थक हैं, जबकि ले पेन ने जनता से फ्रांस को यूरोपीय संघ से अलग करने, उसे नाटो से हटाने और रूस के साथ संबंध और मजबूत करने के मुद्दों पर चुनाव लड़ रही थीं .