मकर संक्राति का पर्व देशभर में मना पूरी आस्था और श्रद्धा से

By Shobhna Jain | Posted on 15th Jan 2016 | देश
altimg
नई दिल्ली 15 जनवरी (अनुपमा जैन/ वी एन आई ) सूर्य के उत्तरायण होते ही मकर संक्राति का पर्व आज देशभर में पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया गया. श्रद्धालुओं ने जनवरी की कड़ाके की ठंड की परवाह नही करते हुए देश भर की पवित्र नदियों/सरोवरों में स्नान किया और सूर्य देवता को अर्घ्य दिया, दान दक्षिणा दी.यह पर्व सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है और इस मुहूर्त को मकर संक्रांति के कहते हैं.सूर्य जिस राशि पर रहते हुए उसे छोड़ कर जब दूसरी राशि में प्रवेश करता है, उस काल विशेष को ही संक्रांति कहते हैं।सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना ही मकर संक्रांति कहलाता है। इस दिन से सूर्य उत्तरायण हो जाता है। शास्त्रों में उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा गया है। इस दिन स्नान, दान, तप, जप और अनुष्ठान का अत्यधिक महत्व है.मकर संक्रांति के दिन सूर्य के एक राशि से दूसरे राशि में हुए परिवर्तन को अंधकार से प्रकाश की ओर हुआ परिवर्तन माना जाता है। मकर संक्रांति से दिन बढऩे लगता है और रात की अवधि कम होती जाती है। चूंकि सूर्य ही ऊर्जा का सबसे प्रमुख स्त्रोत है इसलिए शास्त्रो में मकर संक्रांति मनाने का विशेष महत्व है भारत में मकर संक्राति पर कई परंपराओं का चलन है. इस अवसर पर दान करने के साथ ही नदी में स्नान करने का भी विशेष महत्व है. मध्य प्रदेश में मकर संक्रांति की धूम रही. इस अवसर पर सुबह से ही श्रद्धालु होशंगाबाद, जबलपुर और अमरकंटक में नर्मदा नदी में डुबकी लगाने पहुंचे. लोग शरीर पर तिल लगाकर नदी में डुबकी लगाते दिखे. मंदिरों में भी विशेष पूजा-अर्चना हुई. गुरुवार और शुक्रवार की मध्य रात्रि को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के बाद राज्य में इस पर्व की धूम शुरू हो गई थी. उज्जैन में भी क्षिप्रा नदी के तट पर लोग ने स्नान करके बाबा महाकाल के दरबार में पहुंचकर पूजा की. ओरछा में बेतवा नदी में पुण्य स्नान के बाद रामराजा के मंदिर में अराधना करने वालों की भारी भीड़ रही. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में संगम तट पर शुक्रवार को लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई. मकर संक्रांति की वजह से श्रद्धालु रात में ही गंगा तट पर पहुंचे और सुबह होते ही गंगा स्नान शुरू हो गया. संगम के अलावा अन्य तटों पर भी लोगों ने स्नान किया. बिहार में राजधानी पटना सहित कई क्षेत्रों में शुक्रवार को मकर संक्रांति के मौके पर गंगा और कई नदियों में लोगों ने धार्मिक डुबकी लगाई. इस मौके पर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य किए. उत्तर भारत के अनेक भागो में चूड़ा-दही और तिलकूट खाने की भी परंपरा है. वहीं तमिलनाडु में आज लोग उत्साह के साथ पोंगल मनाते नजर आए. लोगों सुबह से ही नहाकर नए कपड़े पहने मंदिरों में पूजा के लिए पहुंचे. पोंगल में लोग सूर्य, वर्षा और खेतों में काम करने वाले जानवरों का धन्यवाद करते हैं. इस दिन घरों में पारंपरिक खाना बनता है. पोंगल की चीजों को दूध में उबाला जाता है. शक्कर, घी और दूध से तैयार पारंपरिक खाने का भोग सूर्य को लगाया जाता है और उनका धन्यवाद किया जाता है. फिर सभी एक-दूसरे को पोंगल की शुभकामनाएं देते हैं.गुजरात सहित देश के अनेकभागो में आज सुबह से ही आकाश में रंग-बिरंगी पतंगे उडऩे लग गई। युवा शाम को अंधेरा होने तक भी पतंग उड़ाने में लगे रहे। अंधेरे में कई पतंगों में तो रोशनी भी लगा रखी थी। आकाश पतंगों के कारण रंग-बिरंगा दिखाई दे रहा था। लोगों ने मकानों की छतों पर ही डेक मशीनें लगा सूर्य की गति में होने वाले परिवर्तन की वजह से इस वर्ष मकर संक्रांति असामान्य रूप से 14 जनवरी की बजाय 15 जनवरी को मनी . मकर संक्रांति पर्व सामान्यत प्रतिवर्ष एक निश्चित तिथि पर यानी 14 जनवरी को मनाया जाता है।भारतीय पर्वों में केवल मकर संक्रांति ही एक ऐसा पर्व है जिसका निर्धारण सूर्य की गति के अनुसार होता है .वी एन आई

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Quote of the Day
Posted on 14th Nov 2024
Today in History
Posted on 14th Nov 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india