कटरा, 14 मई (वीएनआई) जम्मू में चेनाब नदी पर 359 मीटर की ऊंचाई पर निर्मित होने वाले रेलवे पुल से न केवल कश्मीर घाटी का संपर्क देश के अन्य हिस्सों से बढ़ेगा, बल्कि इससे पर्यटन के विकास तथा स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल होगा, जो फ्रांस के एफिल टॉवर से 35 मीटर अधिक ऊंचा होगा।
चेनाब नदी पर बनने वाले 1,315 मीटर लंबे रेल पुल का निर्माण कार्य साल 2019 तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके जरिए 1,000 से अधिक स्थानीय लोगों को पहले ही रोजगार मिल चुका है। रेलवे की योजना इस क्षेत्र को एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की है।
यह जम्मू एवं कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और देश के बाकी हिस्सों को जोड़ेगा। यह जम्मू क्षेत्र में रियासी जिले के कटरा कस्बे में बक्कल से श्रीनगर जिले में कौरी को जोड़ेगा।
इस स्थान के ऊंचाई पर होने तथा तेज हवाओं के कारण परियोजना से जुड़े इंजीनियरों को भौगोलिक समस्याओं सहित इससे संबंधित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
यह पुल भारतीय रेल की जम्मू-उधमपुर-बारामूला रेल मार्ग (जेयूएसबीआरएल) परियोजना का हिस्सा है।
इस पुल का जीवनकाल 120 वर्षो का है और इसमें अद्वितीय सुरक्षा विशेषताएं हैं। यह उच्च तीव्रता के भूकंप और तेज हवाओं के बीच भी स्थिर रह सकता है। इसमें लगे सेंसर हवाओं की रफ्तार मापेंगे और यदि यह 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक होती है तो रेलगाड़ियों को पुल से गुजरने की अनुमति नहीं होगी।
उम्मीद की जा रही है कि इस पुल के निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने आईएएनएस से कहा, "यह परियोजना क्षेत्र में समृद्धि लेकर आएगी। हमने पहले ही 500 से अधिक युवकों को रोजगार प्रदान किया है। 200 किलोमीटर से अधिक संपर्क मार्गो के निर्माण से दूर-दराज के गांवों को भी जोड़ने में मदद मिलेगी।"
रेलवे ने उन परिवारों के सदस्यों को स्थाई नौकरी दी है, जिनकी भूमि इस परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई है। परियोजना का संचालन करने वाले कोंकण रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक 768 लोगों को रोजगार मुहैया कराए गए हैं।
परियोजना प्रबंधक राजेंद्र कुमार ने बताया कि यह स्थान एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगा। यहां होटल और पर्यटन संबंधी अन्य बुनियादी ढांचों का निर्माण होगा।
उन्होंने कहा, "यह रेल मार्ग देश के विभिन्न हिस्सों से पर्यटकों को लाएगा। एक ओर जहां पुल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र होगा, वहीं पर्यटक राज्य के अन्य हिस्सों की यात्रा भी कर सकेंगे। इस पुल से अंतरराज्य संपर्क बढ़ने के साथ-साथ आर्थिक विकास भी मजबूत होगा।"
जेयूएसबीआरएल से जुड़ी सड़कों ने कई ऐसे गांवों को जोड़ा है, जहां संपर्क का एकमात्र जरिया पगडंडियां थीं। सड़कें स्कूली बच्चों, मरीजों तथा किसानों के लिए भी लाभदायक साबित हुईं, जो अपने उत्पादों के लिए बड़े बाजार की तलाश में थे।
इस परियोजना से जुड़े लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए खुलीं नई दुकानों तथा वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से भी स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आए हैं। दूर-दराज के गांवों को जोड़ने के लिए बस सेवा भी शुरू की गई है।--आईएएनएस