जबर्दस्त हंगामे और मुख्य विपक्षी द्रमुक के भारी विरोध के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीसामी ने हासिल किया विश्वास मत

By Shobhna Jain | Posted on 18th Feb 2017 | देश
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चेन्नै,18फरवरी (वी एन आई)तमिलनाडु विधानसभा में आज जबर्दस्त हगामे के बाद मुख्यमंत्री इ पलानीसामी ने विश्वास मत हासिल कर लिया.122 अन्नाद्रमुक विधायकों का मुख्यमंत्री इ पलानीसामी को समर्थन मिला है, जबकि ग्यारह अन्नाद्रमुक विधायकों ने उनके विरोध में मत दिया. इस प्रकार वे बहुमत के जादुई आंकड़े को प्राप्त कर चुके हैं. लेकिन इस घटनाक्रम के साथ ही विपक्षी द्र्मुक ने राजनैतिक विरोध शुरू हो गया है उधर, गवर्नर सी विद्यासागर राव से मिलने विपक्ष के नेता एमके स्टालिन पहुंचे हैं. गवर्नर ने अपना मुंबई दौरा रद्द कर दिया है. स्टालिन ने आरोप लगाया कि स्पीकर विपक्ष के बिना विश्वासमत हासिल करने की प्रक्रिया पूरी करना चाहते हैं.डीएमके नेता एमके स्टालिन ने वोटिंग को स्थगित करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि जब गवर्नर ने 15 दिन दिए हैं तो जल्दी किस बात की है. इस से पूर्व तमिलनाडु में सत्तारूढ़ एआईएडीएमके के नए मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने आज विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। पलनीस्वामी के विश्वास प्रस्ताव पेश करते ही सदन में गर्मागर्म बहस शुरू हो गई। यह वोटिंग डीएमके विधायकों को बाहर ले जाए जाने के बाद हुई है. इससे पहले सदन में जो हंगामा बरपा उसके बाद सत्र को एक बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. विधायकों ने सदन में कुर्सियां तोड़ी और पेपर फाड़े, ्कहा गया कि डीएमके के विधायकों ने स्पीकर पी धनपाल के साथ बदसलूकी भी की जिसके बाद स्पीकर सदन छोड़कर चले गए. इसके बाद डीएम के एक विधायक स्पीकर की कुर्सी पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे. बाद में स्पीकर ने डीएमके विधायकों को बाहर निकालने का आदेश दे दिया और सदन को दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. स्पीकर ने िन घटनाओ पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए क्षुब्ध हो कहा " मुझे अपमानित किया गया. मैं तो अपना काम कर रहा था.' स्पीकर के आदेश के बावजूद डीएमके के विधायकों ने जाने से इंकार कर दिया. सदन के बाहर 2 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. एमके स्टालिन के नेतृत्व में डीएमके के विधायक धरने पर बैठ गए लेकिन बाद में उन्हें बाहर ले जाया गया. स्टालिन ने कहा कि उनके साथ भी मारपीट हुई थी और वह अब राज्यपाल से मिलने जा रहे हैं. इस बीच पिछले कुछ हफ्तों से जिस गोल्डन बे रिज़ोर्ट रिज़ोर्ट में शशिकला ने विधायकों को कथित रूप से नजरबंद कर रखा था, उसे रखरखाव के लिए बंद कर दिया गया है. इससे पहले पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम के सीक्रेट बैलेट के निवेदन को गर्वनर ने विचार के लिए स्पीकर तक विचार के लिए पहुंचाया. हालांकि स्पीकर ने इस निवेदन को दरकिनार करते हुए कहा है कि 'विधायकों की सुरक्षा मेरी जिम्मेदारी है.' बताया जा रहा है कि सदन में किसी भी रिपोर्टर को जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है और मीडिया और पुलिस के बीच झड़प की खबरें भी आ रही हैं. पूर्व सीएम पन्नीरसेल्वम ने कहा है कि जनता की राय जानना जरूरी है और उसके बाद ही फ्लोर टेस्ट होना चाहिए. वही ओ पी एस कैंप के सेम्मलई ने आरोप लगाया है कि शशिकला द्वारा उन्हें रिज़ोर्ट में बंद करके रखा गया था. शनिवार को ही अन्ना द्रमुक के एक और विधायक ने पाला बदलते हुए पलानीस्वामी के खिलाफ वोट देने की बात कही है. 234 सदस्यों की विधानसभा में पलानीसामी को 117 विधायकों का समर्थन चाहिए रहेगा. सुबह उनके पास स्पीकर को छोड़कर 122 विधायक थे यानि अगर छह और विधायकों ने भी ऐन वक्त पर सीएम का पाला छोड़ दिया तो वह हार सकते थे. हालांकि डीएमके और पन्नीरसेल्वम ने पलानीस्वामी का विरोध करने का ऐलान किया . गुरुवार को सरकार बनाने का निमंत्रण देते हुए राज्यपाल चौधरी विद्यासागर राव ने पलानीस्वामी को विश्वास मत हासिल करने को कहा था. नई सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए हालांकि 15 दिनों का समय दिया गया था लेकिन पलानीस्वामी ने दो दिन में ही बहुमत साबित करने का फैसला किया है. विपक्षी डीएमके, कांग्रेस तथा पन्नीरसेल्वम गुट गुप्त मतदान की मांग कर रहे हैं।

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