नई दिल्ली, 1 फरवरी (वीएनआई) लोकसभा में आज वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रेल यात्रियो को कुछ राहत देते हुए आईआरसीटीसी से टिकट बुकिंग पर सर्विस टैक्स खत्म करने की घोषणा की साथ ही रेल सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए अगले पांच वर्षो में 1,00,000 करोड़ रुपये के रेलवे सुरक्षा कोष की स्थापना करने का ऐलान किया। बजट में रेलवे को एक लाख इकतीस करोड़ रुपये दिया जायेगा.
वित्तमंत्री जेटली ने संसद में बजट पेश करते हुए कहा, अगले पांच वर्षो में 1,00,000 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे सुरक्षा कोष की स्थापना की जाएगी। जेटली ने कहा कि रेलवे को 2017-18 में पूंजीगत व्यय और विकास क्षेत्र में खर्च के लिए 1,31,000 करोड़ रुपये मिलेंगे।वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार का चौथा बजट पेश किया. 93 सालों में यह पहली है कि रेल बजट आम बजट का हिस्सा बनाकर पेश किया गया. इस बार बजट में रेल यात्रियों को किराए में छूट जैसे कोई ऐलान नहीं किए गए हैं. लेकिन राहत की बात यह है कि किरायों में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी की गई है और न ही कोई नई ट्रेन इंट्रोड्यूस की गई. जेटली ने स्वच्छ भारत अभियान पर जोर देते हुए कहा, रेलवे द्वारा 'क्लीन माय कोच' नाम से एसएमएस आधारित सेवा शुरू की गई है और सभी रेलगाड़ियों में साल 2019 तक जैव शौचालय होंगे।
वित्त मंत्री ने रेलवे ई-टिकटों के लिए सेवा शुल्क समाप्त करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, तीर्थाटन और पर्यटन के लिए विशेष रेलगाड़ियां शुरू करने के कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि रेलवे 25 चुनिंदा स्टेशनों का निर्माण करेगी, जबकि 500 से अधिक रेलवे स्टेशनों को दिव्यांगों के अनुकूल बनाया जाएगा और वहां एलेवेटर और एस्केलेटर की भी सुविधा होगी। जेटली ने कहा, अगले वित्त वर्ष में लगभग 3,500 किलोमीटर रेलवे ट्रैक बिछाए जाएंगे।"
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मोदी सरकार का चौथा बजट पेश किया. 93 सालों में यह पहली है कि रेल बजट आम बजट का हिस्सा बनाकर पेश किया गया. इस बार बजट में रेल यात्रियों को किराए में छूट जैसे कोई ऐलान नहीं किए गए हैं. लेकिन राहत की बात यह है कि किरायों में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी की गई है और न ही कोई नई ट्रेन इंट्रोड्यूस की गई.
उन्होने कहा कि नई मेट्रो रेल नीतियां लाई जाएगी.जिसमें शहरी क्षेत्रों में सुगम ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए मेट्रो रेल पॉलिसी बनाने की घोषणा की गयी है. मालूम हो कि कई राज्य सरकारें अपने प्रमुख शहरों में मेट्रोरेल परियोजना पर काम कर रही हैं, ऐसे में इस संबंध में एक केंद्रीय नीति लाना जरूरी भी हो गया था. 3500 किलोमीटर नई रेल बिछाई जाएंगी..स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर्स लगाए जाएंगे, 300 स्टेशन से शुरुआत होगी