नई दिल्ली, 18 अक्टूबर(वीएनआई) नवरात्रि के दौरान नौ दिन व्रत रखना आपकी सेहत के लिए असल मायने में फायदेमंद साबित हो सकता है। ये ऐसा समय है जब आप अपनी बॉडी को रोजाना के खाने से आराम देते हुए बॉडी को डिटॉक्सीफाइन कर सकते हैं। उपवास की शुरूआत आप सुबह हल्के गर्म पानी से करें। गर्म पानी में नींबू की कुछ बूंदे भी डाल लें। इससे आपकी बॉडी डिाटॉक्सीफाई होने लगेगी।
विशेषज्ञों के अनुसार "नियमित अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा खाना, तरल या पेय चीजें लेते रहना और जरूरत से ज्यादा न खाना उपवास को स्वास्थ्यकर बनाने के मुख्य उपाय हैं। िसके अतिरिक्त व्रतधारियों को तला-भुना या तैलीय खाना नहीं खाना चाहिए, क्योंकि ऐसा करने से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ेगी और परिणामस्वरूप चर्बी बढ़ेगी'।हेल्दी व्रत रखने का सही मतलब ये है कि आप प्रोटीन, फैट, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और मिनरल्स के साथ-साथ सभी जरूरी पोषक तत्वों का सेवन करें।
नवरात्रि के दौरान कुट्टू के आटे जैसी चीज़े जिसमें बहुत ज्यादा कैलोरी होती है उनका प्रयोग अधिक ्मात्रा मे नही करना चाहिये इसके अलावा नवरात्रि के दौरान आलू को भी ज़्यादा नही खाना चाहिये क्योंकि इसमे उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा होती है,व्रत मे ताजा फलों व जूस का सेवन करना चाहिए जिससे शरीर उर्जावान बना रहे
विशेषज्ञों के अनुसार उपवास अगर सही तरीके से किया जाए, तो यह अतिरिक्त चर्बी घटाने में एक कारगर व प्रभावी तरीका हो सकता है, व्रत रखने से हमारे पाचनतंत्र को आराम मिल सकता है, बहुत लंबे समय तक खाली पेट ना रहें क्योंकि भूखे रहने से शरीर का मेटाबलिज्म पर बुरा असर पड़ सकता है इसके अलावा एसिडिटी और हार्टबर्न की समस्या भी पेश आ सकती है कुछ-कुछ घंटों में हल्की –फुल्की चीजें खाते रहें। नवरात्र के व्रत में बहुत ज्यादा चीनी और नमक का सेवन ना करें। व्रत के दौरान तले और प्रसंस्कृत उत्पादों से बचना चाहिए
नवरात्र के उपवास में सुस्ती से बचने के लिए पनीर और फुलक्रीम दूध पीने से बचें। सब्जियों और फलों का मिक्स जूस पी सकते हैं। लौकी, टमाटर, सेब और थोड़ी सी अदरक मिलाकर जूस बनाएं। ये जूस विटामिन ए, बी और सी के साथ एंटीऑक्सीडेंट्स से तो भरपूर होगा ,फलों में आप पपीता, सेब, नाश्पती और अनार खा सकते हैं। विटामिन के लिए रातभर भिगे हुए बादाम खाएं और मिनरल्स के लिए किश्मिश खाएं,पेय में लस्सी, नारियल पानी, घर में बने सूप, नींबू पानी और ग्रीन टी जैसी चीज़ो का प्रयोग बहुतायत मे करना चाहिये