\'नई दिल्ली 15 जुलाई (वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज विज्ञान भवन में\' स्किल इंडिया\' कैंपेन का लोगो और डॉक्यूमेंट जारी किया.इस योजना के शुभारंभ के साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा \"पूरा विश्व आज भारत को आदर की नजर से देख रहा है\" इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने शिक्षा पर जोर दिया. उन्होंने कहा, गरीबों के बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाते, हर गरीब नौजवान मेरा फौजी है और उन्ही के ताकत से मुझे यह जंग जीतना है. कोई भी गरीब नौजवान दयनीय जिंदगी नहीं जीना चाहता वह आत्मसम्मान से जीना चाहता है. अब कोई नौजवान हाथ फैलाकर मांगने को मजबूर नहीं होगा. हर प्रशिक्षित युवा को कम से कम 8 हजार रुपये का रोजगार मिले, इसके लिए सरकार ने गरीबी के खिलाफ जंग छेड़ी है.कानून की जकड़न से कई बार युवाओं को परेशानी उठानी पड़ती है, सरकार युवाओं की बेहतरी के लिए हर संभव कदम उठाएगी.
पी एम मोदी ने कहा स्किल सिर्फ जेब में पैसे नहीं लाता वह आत्मविश्वास भी लाता है, अक्सर हमारे घर में जो बड़े हैं वो कहते हैं कि कुछ काम करो और अपने पैर पर खड़े हो जाओ, उन्होने कहा \" अगर मां बाप अपने बेटे को पैर पर खड़ा होता देखते हैं तो उन्हें लगता है उनका जीवन सफल हो गया, हमें उन्ही सपनों को पूरा करना है, हमें राज्यों को साथ लेकर इस काम को हमें आगे बढ़ाना है\".
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत के लिए सबसे पहली प्राथमिकता रोजगार उपलब्ध कराना और उन्हें तैयार करना है. हमें छोटे- छोटे आईआईटी के जरिये उन्हें स्कील देना है ,विश्व में सबसे ज्यादा लोग वर्क फोर्स की जरूरत पड़ने वाली है. हमें उसके लिए तैयार होना है. अब तक हमारा ध्यान सिर्फ नर्सिंग की तरफ था अब हमें दूसरी तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है. इस मिशन के जरिये हमें युवाओं को रोजगार से जोड़ने की जरूरत है. उन्होंने कहा- \'युवाओं को जरूरत के हिसाब ट्रेनिंग दी जानी चाहिए. इस कार्यक्रम के जरिए करीब 24 लाख युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी. सरकार युवाओं को स्किल सर्टिफिकेट देगी. हमारे नौजवानों के पास जो ताकत है उसे बल देना है. आईआईटी जैसे संस्थान का दुनिया लोहा मानती है और वह दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया में सबसे ज्यादा वर्कफोर्स देने वाला देश बनेगा. पूरे विश्व को हमारी जरूरत होने वाली है.\'
उन्होने कहा \'अक्सर लोगों को यह कहते सुना है कि अरे कोई ड्राइवर है क्या आपके पास.... अच्छे ड्राइवर मिल नहीं रहे. युवा बेरोजगार है. कोई भी लोग जल्दी कम अनुभवी लोग को रखना नहीं चाहते. जबतक उसे काम नहीं मिलेगा तबतक उसके पास अनुभव आयेगा कैसे\'.
उन्होने युवाओं के स्किल बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा, अगर एक व्यक्ति में कई गुण होंगे तो वह और आगे बढ़ेगा. हमने देखा है कि अगर किसी व्यक्ति को किसी अन्य काम के लिए चुना गया है और अगर उसके पास कोई और गुण भी हैं तो उसे महत्व मिलने लगता है. हमारे पास ट्रेन ड्राइवरों की भारी कमी है. हमारे यहां लोग चलते - चलते सीखते हैं इसके लिए भी काम करने की जरूरत है.
मोदी ने तकनीक के बदलाव पर भी जोर देते हुए कहा, हमारे पिछड़ने का एक कारण यह भी है कि हम समय के साथ बदलाव नहीं लाते. आधुनिक तरीकों को अपनाना होगा. उद्योग जगत के साथ तकनीकों के साथ बैठकर चर्चा करनी होगी की अगले 10 साल में तकनीक कहां जायेगी और उसी आधार पर कोर्स तैयार किया जायेगा.
प्रधानमंत्री ने कहा, गुजरात के लोग सेना में बहुत कम जाते हैं. मैं गुजरात का हूं इसलिए मैं वही के उदाहरण देता हूं. गुजरात के लोग इसलिए कम जाते क्योंकि वह फिजिकल में भी बाहर हो जाते. मैंने सेना के पूराने जवानों को बुलाया और आदिवासी क्षेत्र के इलाकों में ट्रेनिंग दी और कई लोग इसमें शामिल होने लगे. चीजें छोटी होती है लेकिन बदलवा का दायरा बहुत बड़ा होता है. मैं स्किल डवलेपमेंट पर बहुत जोर देता हूं और यह मेरी रूची वाला क्षेत्र है.
प्रधानमंत्री ने दादा ब्रह्माधिकारी के पुस्तक का जिक्र करते हुए कहा, एक व्यक्ति उनके पास एक दिन काम मांगने आया लेकिन वह स्नातक था, उन्होंने पूछा तो उसके पास केवल एक ही जवाब था कि मैं ग्रेजुएट हूं. हमें ध्यान देना चाहिए की ्टूरिस्ट जहां जाते हैं वहां टूरिस्ट गाइड का अपना महत्व है.