भारत और सेशेल्स ने सुरक्षा और सहयोग बढाने के लिये किये चार महत्वपूर्ण समझौते

By Shobhna Jain | Posted on 12th Mar 2015 | देश
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विक्टोरिया 11 मार्च (वीएनआई) भारत ने सेशेल्स के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हुए सुरक्षा और नौवाहन क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने के लिए बुधवार को चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के पहले मे चरण मंगलवार रात सेशेल्स की राजधानी में पहुंचे थे इस मौके पर मोदी कहा कि हिंद महासागर के द्वीपीय देशों के साथ मजबूत संबंध भारत की सुरक्षा और तरक्की के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आज सेशल्स के राष्ट्रपति जेम्स एलेक्स माइकल के साथ बातचीत की और कहा, 'सेशेल्स हमारे हिन्द महासागर के पड़ोस में अहम भागीदार है।' मोदी पिछले 34 साल में सेशेल्स की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं। उन्होंने कहा, 'यह छोटी यात्रा है लेकिन यह यात्रा काफी सफल रही है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि हिन्द महासागर क्षेत्र में सेशेल्स मेरा पहला पड़ाव बना है।' इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष 1981 में इस देश की यात्रा की थी। सेशेल्स के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के बाद मोदी ने हिन्द महासागर स्थित इस द्वीपीय देश को भारत की ओर से दूसरा ड्रोनियर विमान देने की घोषणा की। मोदी ने इस अवसर पर तटीय निगरानी रडार परियोजना की भी शुरूआत की। उन्होंने इस परियोजना को दोनों देशों के बीच सहयोग का एक और प्रतीक बताया। उन्होंने सेशेल्स को विश्वसनीय दोस्त और रणनीतिक भागीदार बताते हुए कहा, 'हमारी सुरक्षा भागीदारी मजबूत है। इससे हमें क्षेत्र में नौवाहन सुरक्षा को आधुनिक बनाने की हमारी साझा जिम्मेदारी को पूरा करने में मदद मिली है।' मोदी ने कहा, 'सेशेल्स की सुरक्षा क्षमताओं को विकसित करने में भागीदार बनना हमारे लिए सौभाग्य की बात है।' उन्होंने कहा कि इन कदमों से सेशेल्स को अपने सुन्दर द्वीप और उसके आसपास फैले समुद्री क्षेत्र को सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, 'सेशेल्स भी हिन्द महासागर क्षेत्र को सुरक्षित रखने में अपना अहम योगदान देना जारी रखेगा। उन्होंने मीडिया को जारी बयान में कहा, "यह आपसी भरोसे और विश्वास पर आधारित है। इसमें आदर और समानता का उल्लेखनीय भाव है और प्रचुर सद्भावना व गर्मजोशी है।",उन्होने कहा कहा, "ये लोकतंत्र और समग्रता के साझा मूल्यों से बल प्राप्त करते हैं। ये हमारी जनता की तरक्की और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति जैसे समान उद्देश्य से पोषित हैं, सेशेल्स ने प्रभावशाली प्रगति की है। इसने दिखाया है कि उपलब्धियां हासिल करने के लिए आकार कोई बाधा नहीं होती। दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि भारत सेशेल्स के मानव संसाधन और क्षमता निर्माण के विकास में साझेदारी करने पर खुशी महसूस कर रहा है।प्रधानमंत्री ने कहा, "दरअसल, सेशेल्स इस क्षेत्र में भारतीय सहायता को सबसे ज्यादा प्राप्त करने वालों में से है। हम भविष्य में इसे और भी ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "जलमाप चित्रण संबंधी हमारा आज का समझौता हमारे सामुद्रिक सहयोग में एक नया आयाम जोड़ेगा। भारत पर विश्वास के लिए मैं सेशेल्स का आभारी हूं। हमें इस बात की भी आशा है कि सेशेल्स जल्द ही भारत, मालदीव और श्रीलंका के बीच सामुद्रिक सुरक्षा सहयोग में पूर्ण भागीदार बनेगा।"मोदी ने सामुद्रिक संसाधन में सेशेल्स की विशेषज्ञता की भी सराहना की। उन्होंने कहा, "सेशेल्स ब्लू इकॉनॉमी की अवधारणा को बढ़ावा देने वालों में अग्रणी है। हमें यह भी यकीन है कि यह महासागरीय अर्थव्यवस्था हमारी भावी चुनौतियों से निपटने में आवश्यक है।" प्रधानमंत्री ने ने कहा कि राष्ट्रपति माइकल और उनके बीच ब्लू इकॉनॉमी में सहयोग बढ़ाने की दिशा में संयुक्त कार्य समूह गठित करने पर सहमति बनी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि सेशेल्स ने लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए भारत की तरफ सीधी विमान सेवा शुरू की है।,मोदी ने कहा कि सेशेल्स के साथ भारत के रिश्ते आपसी विश्वास और साझा मूल्यों की बुनियाद पर बने हैं। मैं भारत के अच्छे दोस्त और सेशेल्स के राष्ट्रपति जेम्स माइकल के साथ अपनी मुलाकात को लेकर बहुत उत्साहित हूं।"मोदी ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति जेम्स मिशेल के साथ उनकी बातचीत ने इन रिश्तों को ताकत और महत्व के प्रति उनके विश्वास को मजबूत किया है। मोदी ने सेशेल्स के समंदर की तारीफ करते हुए कहा कि सेशेल्स का समंदर दिलों को जड़ता है। सेशेल्स के बाद मोदी 11-12 मार्च को मॉरीशस जाएंगे। जहां वो 12 मार्च को स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में भाग लेंगे। 12 मार्च की तारीख सभी भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण हैं। क्योंकि महात्मा गांधी ने 1930 में इसी तारीख को अपना दांडी मार्च शुरु किया था। उसके बाद वह 13-14 मार्च को श्रीलंका की यात्रा पर जाएंगे। मोदी की यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब चीन हिंद महासागर क्षेत्र पर अपना ध्यान बढा रहा है। पिछले 28 साल में श्रीलंका की यात्रा करने वाले मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।

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