वाशिंगटन,२८ दिसंबर (शोभनाजैन/वीएनआई)जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने आज जापान द्वारा अमरीका के पर्ल हार्बर पर हमले की लगातार कौंधती भयावह स्मृतियो के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा के साथ अमेरिका के पर्ल हार्बर का दौरा किया, जहां द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापान के आक्रमण में 2,400 से अधिक अमेरीकी सैनिको की जान गई थी। इस मौके पर श्री आबे ने ७५ वर्ष पूर्व जापान द्वारा अमरीकी पर्ल हार्बर पर हुए हमले पर हार्दिक संवेदना जताई
उन्होने कहा 'जापान के लोगो का संकल्प है कि वे कभी भी भयावह युद्ध की विभीषिका नही दोहरायेंगे.ओबामा ने कहा ' मैं मित्रता की भावना के तहत आपका यहां स्वागत करता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि हम दुनिया को संदेश देंगे कि युद्ध के मुकाबले शांति में जीतने के लिए अधिक होता है और सुलह से प्रतिकार के बजाय अधिक प्रतिफल मिलता है'
जापान के प्रधान मंत्री की इस संवेदना के बीच कई पक्षो का मानना था कि जापानी प्रधानमंत्री आबे ्को अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान हुए हमले के लिए माफी मांगनी चाहिये। जापान सरकार ने आबे के दौरे को सुलह दौरे के रूप में पेश किया है। इसका उद्देश्य अमेरिका के भावी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के साथ संबंधों की अनिश्चितताओं के बीच जापान-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाना है।
गौरतलब है कि सात दिसंबर 1971 को जापान के 350 से अधिक विमानों ने अमेरिकी नौसैनिक अड्डे पर हमला कर दिया था जिसमें 2,403 अमेरिकी मारे गए थे, लगभग 20 जहाज डूब गए थे या क्षतिग्रस्त हो गए थे और 300 से अधिक विमान नष्ट हो गए थे। इस हमले से अमेरिका सदमे में था और बाद में प्रत्यक्ष रूप से द्वितीय विश्वयुद्ध में शामिल हो गया था। पर्ल हार्बर हमले के जवाब में अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी पर परमाणु बम हमले किए, जिसके बाद जापान ने 15 अगस्त, 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया। आबे का पर्ल हार्बर का दौरा अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के हिरोशिमा दौरे के लगभग छह महीने बाद हुआ है।इस घटना के 75 साल बाद जब जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे और राष्ट्रपति बराक ओबामा की मुलाकात हुई, तो राष्ट्रपति ओबामा ने उनका जोरदार स्वागत किया और कहा कि ये संबंध पहले इतने मजबूत कभी नहीं रहे.
इस मुलाकात में अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने यह भी कहा कि दुनिया भर के राष्ट्रों के चरित्र की परीक्षा युद्ध में ही होती है, लेकिन इसका निर्धारण शांति के समय होता है. उन्होंने कहा कि जब घृणा अपने चरम पर होती है, जब हम कबिलाई खींचतान के दौर में वापस पहुंच जाते हैं. हमें तब भी खुद में सिमटने की इच्छा से बचना चाहिए. हमें उन लोगों को शैतान बनाने की इच्छा से बचाना चाहिए, जो हमसे अलग हैं.
ओबामा ने कहा कि मैं मित्रता की भावना के तहत आपका यहां स्वागत करता हूं. मैं उम्मीद करता हूं कि हम दुनिया को संदेश देंगे कि युद्ध के मुकाबले शांति में जीतने के लिए अधिक होता है और सुलह से प्रतिकार के बजाय अधिक प्रतिफल मिलता है. वहीं, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने जापानी लड़ाकों द्वारा मारे गये 2400 से अधिक अमेरिकी सैनिकों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदनाएं प्रकट कीं.
पर्ल हार्बर में दूसरे विश्व युद्ध के समय के दो दुश्मन देशों के वर्तमान राष्ट्राध्यक्षों के मिलन के दौरान जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे ने कहा कि हमें युद्ध की भयावहता को दोहराना नहीं चाहिए. अबे ने बराक ओबामा के नजदीक खड़े होकर सुलह की शक्ति की प्रशंसा की और जापान के प्रति सहिष्णुता अपनाने के लिए धन्यवाद किया.