बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी की अंत्येष्टि में हिस्सा लेंगी

By Shobhna Jain | Posted on 18th Aug 2015 | देश
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नई दिल्ली, 18 अगस्त (शोभनाजैन,वीएनआई) बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पत्नी शुभ्रा मुखर्जी की अंत्येष्टि में हिस्सा लेने कल नई दिल्ल्ली आयेगी। अंत्येष्टि कल नई दिल्ली में होगी। शेख हसीना के प्रेस सचिव इहसानुल करीम के अनुसार शेख हसीना कल ही वापस ढाका लौट जायेंगी उनके साथ उनकी बहन शेख रेहाना और विदेश मंत्री ए. एच. महमूद अली भी होंगे। शुभ्रा मुखर्जी का पैतृक निवास बांग्लादेश में नरैल जिले के भद्राबिला गांव में है। श्रीमति हसीना ने एक बयान में कहा है कि शुभ्रा मुखर्जी के निधन से उन्हें गहरा सदमा लगा है और वह अपनी संवेदना व्यक्त करती हैं। बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने भी शुभ्रा मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। श्रीमति शुभ्रा मुखर्जी के निधन पर आज उपराष्ट्रपति, प्रधान मंत्री,उ्च्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश, श्रीमति सोनिया गॉधी सहित अनेक केन्द्रीय मंत्रियो, राजदूतो ने राष्ट्रपति भवन जा कर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये.अमरीकी राजदूत राहुल वर्मा ने भी एक शो्क संदेश मे श्रीमति मुखर्जी के निधन पर संवेदना जताई गया। श्रीमति मुखर्जी का आज सुबह निधन हो गया था. वे 75 वर्ष की थीं। उनका पार्थिव शरीर आज अपराह्न राष्ट्रपति भवन में रखा गया, जहां उनके परिजन और विशिष्टजनो ने उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की इसके बाद मुखर्जी के पार्थिव शरीर को उनके सांसद पुत्र अभिजीत मुखर्जी के आवास 13 तालकटोरा रोड ले जाया गया. मुखर्जी का निधन सुबह राजधानी में सेना के रिसर्च एवं रैफरल (आरआर) अस्पताल में हुआ। वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं और उन्होंने 10 बजकर 51 मिनट पर अस्पताल के गहन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में अंतिम सांस ली। उन्हें गत सात अगस्त को सांस लेने में तकलीफ के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने उन्हें गहन निगरानी में रखा था। अविभाजित भारत के पश्चिम बंगाल के जेसोर (अब बंगलादेश) में 17 सितम्बर 1940 को जन्मीं मुखर्जी का विवाह 13 जुलाई 1957 को हुआ था, जब वे कलकता विश्वविद्द्यालय की छात्रा थी। उनके दो पुत्र, अभिजीत मुखर्जी और इंद्रजीत मुखर्जी तथा एक पुत्री शर्मिष्ठा मुखर्जी हैं। मुखर्जी न केवल एक प्रतिभावान चित्रकार थीं, बल्कि रवीन्द्र संगीत की बेहतरीन गायिका भी थीं। पेंटर के तौर पर उनकी अनेक एकल और सामूहिक प्रदर्शनियां भी आयोजित की गई थीं, जबकि बतौर गायिका उन्होंने 'गीतांजलि ट्रूप' की स्थापना की थी। उन्होंने ने दो पुस्तकें भी लिखी हैं।वीएनआई

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