नई दिल्ली,15 जनवरी (अनुपमा जैन /वीएनआई ) आज से जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 लागू हो गया ,इसके अन्य प्रावधानों के साथ बच्चो को सुरक्षित भविष्य देने के मकसद से एक प्रावधान यह है की अगर आज से कोई भी दुकानदार नाबालिगों को सिगरेट या तंबाकू उत्पाद बेचता है तो उसे सात साल तक जेल और एक लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा।
पिछले महीने जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 को संसदीय मंजूरी मिल गयी थी , जिस में यह प्रावधान दिए गए हैं। लोक सभा द्वारा इसे गत ७ मई और लोक सभा द्वारा गत २२ दिसंबर को पारित किये जाने और राष्ट्रपति द्वारा इसे स्वीकृति दिए जाने के बाद आज से यह क़ानून लागू होगया हैं। बाल अधिकारोंके लिए कार्य्रत कार्यकर्ताओ ने इस प्रावधान का स्वागत करतेहुए उम्मीद जताई है की इससे किशोरों में तम्बाकू कीबढ़ती खतरनाक लत को रोकने में मदद मिलेगी, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा की इसके सख्ती से क्रियान्वन पर नजर रखना जरूरी होगा.
जुवेनाइल जस्टिस एक्ट कानून में ही जघन्यतम अपराधों में शामिल 16 से 18 वर्ष के नाबालिग को एक बालिग माना जाएगा और उसे सात साल तक जेल हो सकती है।
सिगरेट और तंबाकू उत्पादों के गलत प्रभाव से नाबालिगों को बचाने के लिए सरकार ने पहली बार नाबालिग बच्चों को ऐसे उत्पाद बेचने को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा है।पुराने जुवेनाइल एक्ट में नाबालिग को शराब और ड्रग्स बेचने को गंभीर अपराध था।
महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने इस विधेयक पर हुई चर्चा का उत्तर देते हुए राज्य सभा में कहा था कि इस कानून के तहत जघन्य अपराधों में वे ही अपराध शामिल किये गये हैं जिन्हें भारतीय दंड विधान संगीन अपराध मानता है. इनमें हत्या, बलात्कार, फिरौती के लिए अपहरण, तेजाब हमला आदि अपराध शामिल हैं.नए बिल के मुताबिक, नाबालिग अपराधियों की उम्र-सीमा 18 वर्ष से घटाकर 16 वर्ष की गई. इस बिल में जघन्य अपराधों के मामले में न्यूनतम 3 साल से लेकर 7 साल तक कैद की सजा का प्रावधान किया गया है, जबकि सामान्य अपराधों के लिए न्यूनतम सजा 3 साल कैद होगी.वी एन आई