नई दिल्ली 18 अप्रैल (वीएनआई) पहली ईरान यात्रा के दौरान विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने राष्ट्रपति हसन रूहानी से मुलाकात की, सुषमा स्वराज की यात्रा के दौरान भारत और ईरान चाबहार बंदरगाह परियोजना को जल्द आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं, इसी के मद्देनज़र भारत ने ईरान को चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए 15 करोड़ डॉलर के आसान ऋण देने की शर्तों को अंतिम रूप दे दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आगामी ईरान यात्रा के दौरान इस बारे में दोनों देशों के बीच करार होने की संभावना है।
ईरान एवं रूस की यात्रा के पहले चरण में तेहरान पहुंची विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और ईरानी विदेश मंत्री जावद जरीफ के साथ यहां हुई द्विपक्षीय बैठक में इस आशय की सहमति बनी।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के अनुसार बैठक में दोनों पक्षों ने चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए 15 करोड़ डॉलर के ऋण की शर्ताें एवं वाणिज्यिक करार के मसौदे पर सहमति जाहिर की है। इस करार पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे।
गौरतलब है कि अमेरिकी आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए भारत ने गत मई मे ईरान के साथ रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चाबहार बंदरगाह के विकास के लिए समझौता किया था। इसके जरिये भारत को पाकिस्तान से हटकर अफगानिस्तान तक पहुंचने का समुद्री और थल मार्ग मिल जाएगा। चाबहार बंदरगाह ईरान के दक्षिण-पूर्वी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है। भारत के लिए इसकी उपयोगिता बहुत अधिक है क्योंकि इसके रास्ते भारत को पाकिस्तान के बाहर अफगानिस्तान तक पहुंचने का एक समुद्री और जमीनी रास्ता मिल जाएगा। इस करार के तहत चाबहार बंदरगाह प्राधिकरण के साथ कांडला पोर्ट ट्रस्ट एवं जवाहरलाल नेहरू ट्रस्ट मिलकर काम कर रहे हैं