लाहौर, 24 नवंबर (शोभनाजैन/वीएनआई) पाक आतंकी और मुबंई आतंकी हमलो के सरगना हाफिज सईद की कल पाकिस्तान द्वारा नजरबंदी ख़त्म किये जाने पर भारत के विरोध के बाद आज अमरीका ने भी उसकी रिहाई पर कड़ा विरोध जताते हुए पाकिस्तान से उसे तुरंत गिरफ्तार कर मुकदमा चलाने की मॉग के.उधर हाफिज ने आज नजरबंदी से रिहाई के कुछ ही क्षण बाद कश्मीर राग अलापते हुए कहा कि वह कश्मीर के लिए पूरे पाकिस्तान से लोगों को जुटाएगा और ‘‘आजादी’’ पाने में कश्मीरियों की मदद करेगा.
भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र और अमरीका उसे आतंकी करार दे चुके हैभारत के साथ संयुक्त राष्ट्र और अमरीका उसे आतंकी करार दे चुके है.आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्तता के कारण पाक आतंकी गुट जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित किया है. गौरतलब है कि पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायलय के न्य्यायिक समीक्षा बोर्ड ने मुंबई हमला मामले में सईद को और अधिक दिनों तक हिरासत में नहीं रखने का फैसला लिया, जिसके बाद आतंकवादी संगठन के प्रमुख को कल रात रिहा कर दिया गया. वह इस वर्ष जनवरी से हिरासत में था.
रिहाई की खुशी में अपने आवास के बाहर एकत्र हुए समर्थकों से सईद ने कहा, ‘‘मुझे सिर्फ कश्मीर पर मेरी आवाज को दबाने के लिए 10 महीने तक हिरासत में रखा गया.’’ पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने सईद की 30 दिनों की नजरबंदी की अवधि पूरी होने के बाद आम सहमति से उसकी रिहाई का आदेश दिया. इस बोर्ड में लाहौर हाई कोर्ट के न्यायाधीश भी शामिल हैं। सईद की नजरबंदी कल रात 12 बजे समाप्त हुई है. इसी बीच हाफिज सईद की रिहाई पर आक्रोश व्यक्त करते हुए भारत ने इस कदम को संयुक्त राष्ट्र घोषित आतंकवादियों को ‘मुख्यधारा’ में लाने की पाकिस्तान की साजिश करार दिया तथा यह पाकिस्तान का असली चेहरा दिखाता है. भारत ने इस बात पर क्षोभ जताया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित ऐसे आतंकवादी को रिहा करने की अनुमति दी गई जो खुद भी अपनी भूमिका कबूल कर चुका है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कल संवाददाताओं से कहा, भारत सहित सम्पूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस बात से आक्रोशित है कि एक स्वयं
स्वीकार्य और संयुक्त राष्ट्र घोषित आतंकवादी को उसके दुष्ट एजेंडे को जारी रखने और खुले में विचरण करने की अनुमति दे दी गई.’हाफिज सईद को 26/11 मुंबई आतंकी हमले का ‘प्रधान संयोजक’ करार देते हुए कुमार ने कहा कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उद दावा के नेता ने पाकिस्तान के पड़ोसी देशों के खिलाफ अनेक आतंकी हमलों को अंजाम दिया. वह मुंबई हमले का साजिशकर्ता ही नहीं प्रधान संयोजक था. उन्होंने कहा कि हाफिज की रिहाई से जघन्य आतंकी कृत्यों को अंजाम देने वालों, ऐसे व्यक्तियों, संयुक्त राष्ट्र नामित संगठनों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के संदर्भ में पाकिस्तान सरकार के गंभीरता में अभाव को दर्शाता है. रवीश कुमार ने कहा कि यह स्पष्ट है कि पाकिस्तान ने सरकार से इतर तत्वों को संरक्षण और समर्थन देने की नीति में कोई बदलाव नहीं किया है और उसका असली चेहरा हम सब के सामने है.
उल्लेखनीय है कि हाफिज सईद को जल्द ही हिरासत से रिहा कर दिया जाएगा क्योंकि पाकिस्तान के एक न्यायिक संस्था ने उसे नजरबंदी से रिहा करने का आदेश दिया है. यह 2008 में मुंबई पर आतंकी हमले के साजिशकर्ता को न्याय के कटघरे में खड़ा करने के भारत के प्रयास को धक्का है. इसी बीच हाफिज ने आज आरोप लगाया ‘‘.....मुझे पाकिस्तान सरकार पर अमेरिका के दबाव के कारण हिरासत में लिया गया। अमेरिका ने भारत के अनुरोध पर ऐसा किया.’’ सईद का कहना है कि जनवरी में कश्मीरियों के साथ एकजुटता माह की घोषणा करने के बाद उन्हें हिरासत में लिया गया. उसने अपनी रिहाई के आदेश को अपने ‘‘निर्दोष’’ होने के प्रमाणपत्र के रूप में पेश किया. सईद ने कहा, ‘‘ भारत ने मेरे खिलाफ आधारहीन आरोप लगाये हैं. लाहौर हाईकोर्ट के समीक्षा बोर्ड के फैसले ने साबित कर दिया है कि मैं निर्दोष हूं.’’ जमात-उद-दावा सरगना ने कहा कि भारत के अनुरोध पर अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव बनाया था कि उसे हिरासत में लिया जाये.
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