संयुक्त राष्ट्र, 13 अक्टूबर, (वीएनआई) संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत को एशिया-प्रशांत क्षेत्र से सदस्य के रूप में भारी मतों से जीत हुई है।
संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा में अगले तीन साल के लिए मानवाधिकार परिषद के नए सदस्यों का चुनाव किया गया है। नये सदस्यों का कार्यकाल एक जनवरी, 2019 से शुरू होकर तीन साल तक चलेगा। संयुक्त राष्ट्र की 193 सदस्यीय महासभा मानवाधिकार परिषद के नए सदस्यों को गुप्त मतदान के जरिए पूर्ण बहुमत के आधार पर चुनती है। परिषद में चुने जाने के लिए किसी भी देश को कम से कम 97 वोटों की जरूरत होती है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र से मानवाधिकार परिषद में कुल पांच सीटें हैं, जिनके लिए भारत के अलावा बहरीन, बांग्लादेश, फिजी और फिलीपीन ने अपना नामांकन भरा था। वोटिंग में इन पांच देशों में भारत को सबसे ज्यादा 188 वोट मिले।
भारत के यूएन में राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने जीत के बाद कहा है कि 18 उम्मीदवारों में हमें सबसे ज्यादा वोट मिले हैं। ये दिखाता है कि दुनिया भारत को कितनी अहमियत देता है। हम यूएन के अपने दोस्तों का शुक्रिया अदा करते हैं। हम मानवाधिकारों के लिए लगातार काम करते रहेंगे। भारत तीसरा बार संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद का सदस्य चुना गया है। इससे पहले 2011 और 2014 में भारत मानवाधिकार परिषद का सदस्य रह चुका है।
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