नई दिल्ली, 13 जुलाई, (वीएनआई) अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को अगले वर्ष होने वाली गणतंत्र दिवस परेड के लिए भारत ने मुख्य अतिथि के रूप में न्योता भेजा है। अगर भारत का यह न्योता डोनाल्ड ट्रंप स्वीकार कर लेते हैं, तो विदेश नीति के स्तर पर मोदी सरकार के लिए यह एक बड़ी कामयाबी होगी। हालांकि भारत को अभी भी अमेरिका की अधिकारिक प्रतिक्रिया का इंतजार है।
भारत सरकार ने इस साल अप्रैल में इस साल अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति को यह न्योता भेजा था। ऐसे संकेत हैं कि ट्रंप प्रशासन भारत के इस न्योते पर सकारात्मक ढंग से विचार कर रहा है। भारत ने यह न्योता दोनों देशों के बीच कई राउंड की राजनयिक चर्चा होने के बाद भेजा है। अमेरिकी राष्ट्रपति अगर यह न्योता स्वीकार करते हैं, तो इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच जो वादे होंगे, वह पहले हुई ओबामा यात्रा से भी ज्यादा नाटकीय होंगे। गौरतलब है कि साल 2015 में आयोजित हुई गणतंत्र दिवस परेड में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मोदी सरकार के पहले मुख्य अतिथि बने थे। वहीं भारत और अमेरिका के संबंधों में कुछ चुनौतियांभी रही हैं। जैसे- दोनों देशों में व्यापार शुल्क, ईरान के साथ भारत के ऊर्जा संबंधित और ऐतिहासिक संबंधों पर अमेरिका को ऐतराज और भारत का रूस के साथ S-400 मिसाइल का रक्षा समझौता अमेरिका की चिंताओं में खास रहा है। हालांकि ऐसे ही कुछ मामले ओबामा के कार्यकाल में भी थे।
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