कॉमेडियन से राष्ट्रपति बने जेलेंस्की क्या यूक्रेनी जनता को खिलखिलाती जिंदगी दे पायेंगे

By Shobhna Jain | Posted on 23rd Apr 2019 | विदेश
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कीव,युक्रेन, 23 अप्रैल (वीएनआई) युक्रेन के जाने माने  कॉमेडियन वोलोदिमीर जेलेंस्की ्भारी बहुमत से  देश के राष्ट्रपति तो बन गये हैं. लेकिन यह सवाल पूछा जा रहा हैं कि  क्या लोगों को हंसा कर खुश करने वाले राजनीति के नौसीखिया जेलेंस्की  जनता को एक खुश हाल जिंदगी दे  पायेंगे, उन्हें हमेशा एक खिलखिलाती जिंदगी दे पायेंगे, क्या उन का कार्यकाल जनता की आकंक्षाओं को पूरा करेगा. क्या राजनीति की कठिन राह में अनुभवहीन जेलेंस्की  स्वतंत्र रूप से काम कर पायेंगे? 

जेलेंस्की सालों से कॉमेडियन के रूप में लोगों को हंसाते आ रहे हैं. गत 31 मार्च को हुए पहले चरण में जेलेंस्की को उन्हें लगभग ७४ फीसदी वोट मिले, जो कि उनके प्रतिद्वंदी  वर्तमान राष्ट्रपति पेत्रो पोरोशेंको मात्र २४ प्रतिशत पर ही सिमट रहे है.वकालत की पढाई कर चुके जेलेंस्की  कॉमेडियन की कमाई से खासे रईस भी बन चुके हैं.मजेदार बात यह हैं कि इसके पहले रील लाइफ के पर्दे पर भी वे राष्ट्रपति की भूमिका निभा चुके है और अब रियल लाईफ में भी वे इस पद पर आ गये हैं. एक पॉपुलर टीवी कॉमेडी सीरीज 'सर्वेंट्स ऑफ द पीपुल' में जेलेंस्की ने एक ऐसे शिक्षक का किरदार निभाया था, जो अपने जीवन की बदलती परिस्थितियों के चलते देश का राष्ट्रपति बन बैठता है.  विशेषज्ञ मानते हैं कि इस सीरीज की कामयाबी ने जेलेंस्की के लिए राजनीति के दरवाजे खोल दिये. पर्दे पर उनका किरदार राजनीतिक भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता है, सत्ता के गलियारों में लड़ाई का झंडा बुलंद करता है. साथ ही नए लोगों को राजनीति में लाने का वादा करता है. अपने टीवी ड्रामे की ही तरह जेलेंस्की ने खुद को इन चुनावों में लोगों के सामने  इसी रूप में पेश किया.
 
41 साल के जेलेंस्की यूक्रेन के सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे.  जेलेंस्की यूक्रेन के अब तक के सबसे सफल कॉमेडियनों में से एक हैं.  अपने टीवी कार्यक्रमों, फिल्मों और कॉमेडी सीरीज के जरिए ्वे  व्यवस्था पर कभी कटाक्ष करने से पीछे नहीं रहे.

्पर्यवेक्षकोंके अनुसार ्सम्भवतं  जेलेंस्की देश के एक प्रभावशाली कारोबारी इयोर कोलोमोयस्की के साथ कोई गठबंधन कर सकते हैं. आलोचक मानते हैं कि ऐसे गठबंधन का मकसद पोरोशेंको को सत्ता से दूर रखना है. हालांकि दोनों पक्षों ने इस तरह के किसी गठबंधन को सिरे से खारिज किया है.्सवाल उठ रहे  है कि राष्ट्रपति जेलेंस्की  क्या स्वतंत्र रूप से काम कर सकेंगे. उनके सलाहकारों और उन्हें सत्ता तक पहुंचाने वालों का उन पर कितना प्रभाव होगा.अगले कुछ माह में देश की संसद के लिए चुनाव होने हैं ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि जेलेंस्की इन चुनावों को जल्द करा सकते हैं ताकि उनकी पार्टी सत्ता में आए. उनकी पार्टी का नाम भी उनके टीवी शो के नाम पर 'सर्वेंट ऑफ द पीपुल' ही रखा गया है

जेलेंस्की का चुनाव प्रचार भी बिल्कुल अलग था. िस दौरान उन्हों ने पूरे देश की यात्रा  की और उस उस यात्रा में अपना शो भी किये. उस टीवी शो जैसे समेत कई प्रोग्राम को एक उद्योगपति  का टीवी स्टेशन प्रसारित कर रहा था. इस दौरान जेलेंस्की ने सिर्फ ऐसे   मीडिया संस्थानों से  बात की जो उन्हें समर्थन दे रहे थे. जेलेंस्की अपने समर्थकों से सोशल मीडिया पर वीडियो मैसेज के जरिए बातचीत करते थे. चुनाव प्रचार ्से उन्होंने युवा वर्ग को  विशेष तौर पर जोड़ा जो राजनीतिक रूप से सबसे अधिक उदासीन रहा है और खुद को एक उम्मीद के रूप में पेश किया. 

जेलेंस्की का चुनावी घोषणापत्र भी इसी आधार पर तैयार किया गया कि अगर वह राष्ट्रपति बने तो देश उनसे क्या उम्मीद कर सकता है. उन्होंने लोगों से यूक्रेन को उनके सपनों का देश बनाने का वादा किया है, जो भ्रष्टाचार मुक्त होगा, लोगों की अच्छी तनख्वाह और पेंशन होगी, इंटरनेट तेज रफ्तार से दौड़ेगा और आम लोगों के लिए अच्छी सड़कों का इंतजाम होगा. उन्होंने वादा किया है कि सत्ता लोगों के हाथों में होगी, ज्यादा से ज्यादा जनमत संग्रह किए जाएंगे, अधिक से अधिक न्याय होगा और सुरक्षा के इंतजामों में भी कोई कमी नहीं होगी.उनकी नीति अधिक से अधिक वोटरों को अपने साथ खड़ा करने की थी 

दरअसल सिर्फ सफल मीडिया नीतियां और चुनाव अभियान ही जेलेंस्की की सफलता का राज नहीं है. यूक्रेन ्की राजनीति काफी  समय से उथल पुथल के दौर से गुजर रही है, जनता एक खुशहाल जिंदगी चाहती  है. ऐसे मे जेलेंस्की  ने जनता से जो वायदे किये है क्या जनता की उम्मीदों पर  वे खरे उतरेंगे... .्वी एन आई  


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