कजान में ब्रिक्स शिखर में मोदी-पुतिन शी से अहम मुलाकातें

By VNI India | Posted on 22nd Oct 2024 | विदेश
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कजान , रूस, 22 अक्टूबर (वीएनआई) पीएम  नरेनद्र मोदी 16 वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान  वैश्विक मुद्दों और चुनौतियों  पर विश्व नेताओं के साथ मंत्रणा करने के साथ ही रूस के राष्ट्रपति  व्लादीमीर पुतिन , चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग सहित अनेक नेताओं से द्विपक्षीय चर्चा करेंगे. ब्रिक्स समिट में आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर जोर होगा. पी एम  के इस समिट  के लियें कजान पहुंचने पर हार्दिक स्वागत किया गया' वे इस शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दो दिन के दौरे पर रहेंगे.

मोदी और पुतिन के बीच  इस  द्विपक्षीय मुलाकात को खास तौर पर रूस-युक्रेन यु्द्ध को ले कर खासा अहम मा्ना जा रहा है. यह मुलाकात आज दोपहर हो रही है. गौरतलब हैं कि पिछले चार माह मे मोदी का यह दूसरा  है. शी से संभावित मुलाकात  को  भारत और चीन के बीच कल सीमा पर तनाव कम करने पर हुई  सहमति और सम्बद्ध  समझौते की पृष्ठभूमि मे बेहद अहम माना जा रहा हैं. लगभग साढे चार से चले आ रहे विवाद के तहत दोनो देश  पूर्वी लद्दाख के देप्सॉग और  डेमचोक से अपने सैनिक पीछे हटायेंगे इस मुलाकात में ्सीमा पर  तनाव कम करने पर आगे  और भी चर्चा होने की उम्मीद हैं .

ब्रिक्स सम्मेलन के लिये कजान शहर में  भारतीय समुदाय के लोगों में  पी एम मोदी क कजान यात्रा को ले कर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है.

भारत ने कहा कि वह ब्रिक्स के लिए महत्वपूर्ण है और उसके योगदान ने आर्थिक विकास एवं वैश्विक शासन सुधार जैसे क्षेत्रों में समूह के प्रयासों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.

पीएम मोदी ने रूस रवाना होने से पहले कहा कि  भारत ब्रिक्स में आपसी सहयोग को महत्व देता है पिछले साल नए सदस्यों को जोड़ने के साथ ब्रिक्स के विस्तार ने इसकी समावेशिता और वैश्विक भलाई के एजेंडे को और मजबूत किया है.

रूसी शहर कजान में  प्रधानमंत्री  मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे तब  रूसी सैना के साथ  काम कर रहे भारती्यों को स्वदेश लाये जा ने को ले कर भारतीय पक्ष बाकी भारतीयों को छोड़े जाने का मुद्दा उठा सकता है. पीएम मोदी ने जुलाई में मॉस्को में पुतिन के साथ अपनी वार्ता के दौरान रूसी सेना में कार्यरत भारतीय नागरिकों को जल्द छोड़ दिये जाने का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था.
 चार देशो भारत, रूस, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह से शुरू हुआ ब्रिक्स  में अब मिश्र,ईरान,संयुक्त अरब अमीरात को भी शामिल कर लिया गया हैं. विस्तारित समूह की यह पहली बैठक हैं.
ब्रिक्स सहयोग तंत्र का जन्म उभरते बाजार देशों और विकासशील देशों के सामूहिक उदय के युग में हुआ था. कई सालों के विकास के बाद, इसके दायरा और बढ़ता गया. हाल के सालों में ब्रिक्स देशों ने नव विकास बैंक और इमरजेंसी रिजर्व सिस्टम की स्थापना के जरिए से विकास परिणामों और अवसरों को ज्यादातर विकासशील देशों तक पहुंचने के लिए आगे बढ़ाया. ब्रिक्स वैश्विक सहयोग और बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन गया है. वी एन आई


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