म्यांमार 2 फरवरी (वीएनआई) म्यांमार में पहली बार लोकतांत्रिक सरकार चुने जाने के बाद संसद में बहुमत हासिल करने वाली एनएलडी और अन्य पार्टियों के सांसदों ने कल शपथ ली.आंग सान सू ची की एनएलडी पार्टी ने नवंबर के ऐतिहासिक चुनावों में जितनी सीटों पर चुनाव लड़ा था उसमें 80 फ़ीसदी सीटें जीत ली थीं.
नई संसद को सबसे पहले नए राष्ट्रपति का चुनाव करना होगा क्योंकि मार्च में राष्ट्रपति थेन सेन का कार्यकाल ख़त्म हो रहा है.सालों तक सेना के दमन की शिकार रही नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के लिए यह सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है. पार्टी को नवंबर में हुए आम चुनावों में उच्च और निचले सदनों में 80 फीसदी सीटें मिलीं और वह सरकार बनाने की स्थिति में है.एकतरफा जीत हासिल करने के बावजूद एनएलडी को सेना के साथ ही सत्ता में भागीदारी करनी पड़ेगी क्योंकि संविधान के मुताबिक संसद में 25 फीसदी सीटें सेना के लिए आरक्षित हैं.
म्यांमार का नया राष्ट्रपति कौन होगा इस पर अभी सस्पेंस बना हुआ है. गौरतलब है कि आंग सान सू ची के राष्ट्रपति बनने पर संवैधानिक रोक लगी हुई है क्योंकि उनके बेटे ब्रितानी नागरिक हैं.पर आंग सान सू ची कह चुकी हैं कि उनकी हैसियत राष्ट्रपति से भी ऊपर होगी और वो ही सत्ता चलाएंगी.
माना जा रहा है कि सू ची के लिए आख़िरी पल में संवैधानिक बदलाव करने पर समझौता हो सकता है ताकि वे राष्ट्रपति पद ग्रहण कर सकें
उल्लेखनीय है कि म्यामांर में वर्ष 1962 से सत्ता पर सेना का प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से नियंत्रण रहा है. वर्ष 1990 में हुए चुनावों में सू ची की पार्टी जीती थी लेकिन सेना ने परिणामों को रद्द कर दिया तथा उसके कई प्रमुख सदस्य गिरफ्तार कर लिए गए थे. सू ची वर्ष 1990 में हुए चुनावों से पहले नजरबंद कर दी गयीं. इसके बाद अगले 22 साल में से 15 साल वह यंगून में अपने घर पर नजरबंद ही रहीं. वर्ष 1991 में जब सू ची को नोबेल शांति पुरस्कार देने के लिए चुना गया था तब भी वह नजरबंद ही थीं.