म्यूनिख, 21 फरवरी (वीएनआई) आतंकवाद को प्रत्यक्ष/परोक्ष समर्थन और शह दिये जाने की वजह से अंतरराषीय बिरादरी मे अलग थलग पड़ जाने पर अब पा्किस्तान ने अंतराष्ट्रीय मंचो से आतंकी हाफिज सईद को आतंकी करार देने का दिखावा शुरू कर दिया है और उसे देश के लिए भी गंभीर खतरा बताया ही है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा है कि देश हित में हाफिज सईद को नजरबंद किया गया है.उन्होंने कहा, ‘मैं वैश्विक समुदाय को आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि पाकिस्तान इस युद्ध में अग्रिम मोर्चे पर तैनात देश है और वह अपनी जनता और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के प्रति अपने कर्तव्य का निवर्हन जारी रखेगा
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने जर्मनी स्थित म्यूनिख में एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन के दौरान कहा, 'सईद समाज के लिए एक गंभीर खतरा पेश कर सकता है और इसलिए देश के वृहद हित को ध्यान में रखते हुए उसे नजरबंद किया गया है'.
ख़बरों के मुताबिक, आसिफ ने म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में मौजूद श्रोताओं से ये बातें कही थीं. उन्होंने कहा कि ‘देश के वृहद हित को ध्यान में रखते हुए सईद को गिरफ्तार किया गया था.’ चरमपंथ और आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर हुई चर्चा के दौरान आसिफ ने कहा, ‘आतंकवाद किसी धर्म का पर्याय नहीं है. आतंकवादी न तो ईसाई हैं न ही मुस्लिम, वे न तो बौद्ध हैं और न ही हिंदू. वे आतंकी हैं और अपराधी हैं.’ यदि पश्चिमी देशों की नीतियां पाकिस्तान को अलग-थलग करने वाली होती हैं तो इससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मदद नहीं मिलेगी, बल्कि इससे आतंकवाद बढ़ेगा ही.’
गौरतलब है कि सईद को लाहौर में 30 जनवरी को आतंकवाद रोधी कानून (एटीए) की चौथी अनुसूची के तहत घर में नजरबंद कर दिया गया था. इसके चलते उसकी पार्टी और सहयोगियों की ओर से काफी हंगामा किया गया था. सईद को इस सूची में रखे जाने का अर्थ है कि वह किसी न किसी तरह से आतंकवाद से जुड़ा है. इस माह की शुरूआत में सईद को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (निकास नियंत्रण सूची) में डाला गया था, जो उसे देश छोड़कर जाने से रोकती है.
वैसे पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह और बढ़ावा देता है, लेकिन इसकी आग में वह खुद भी झुलस रहा है. इसी महीने पाकिस्तान में कम से कम आठ आतंकी हमले होने के बाद सईद के खिलाफ कार्रवाई की गई. इन हमलों में 100 से ज्यादा लोग मारे गए. सबसे हालिया हमला सिंध प्रांत की एक प्रसिद्ध सूफी दरगाह में हुआ है. इस आत्मघाती बम हमले में 88 लोग मारे गए.
नवंबर, 2008 में मुंबई आतंकी हमलों के बाद भी सईद को नजरबंद किया गया था लेकिन वर्ष 2009 में एक अदालत ने उसे मुक्त कर दिया था. मुंबई हमले में 166 लोग मारे गए थे. आतंकी गतिविधियों में सईद की संलिप्तता के चलते अमेरिका ने उस पर एक करोड़ डॉलर का ईनाम रखा हुआ है.