टृंप का भारतीय मूल की सहयोगी निकी हेली को नयें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने का फैसला चर्चाओं में

By VNI India | Posted on 12th Nov 2024 | विदेश
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नई दिल्ली/ वाशिंगटन, 12 नवंबर ( वीएनआई)अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत रहीं  भारतीय मूल की निकी हेली को अपनी सहयोगी  को अपनी नई सरकार में शामिल नहीं करने  का फैसला चर्चाओं मे आ गया है इस के साथ ही  ने कभी विश्वस्त रहे ताकतवर पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो  को  भी अपनी नई सरकार में शामिल नहीं करने की घोषणा की है
निकी हेली के माता-पि नेता अजित सिंह रंधावा और राज कौर रंधावा भारतीय मूल के थे. निकी हेली के माता-पिता अमृतसर के थे.
निकी हेली खुलकर भारत का समर्थन करती रही हैं. वहीं माइक पोम्पियो भी  अमरीका के धुर विरोधी रहे चीन के ख़िलाफ़ मुखर होकर बोलते रहे हैं. लेकिन ट्रंप ने दोनों को अपनी सरकार में नहीं रखने का फैसला किया है. टृंप के इस  के बाद हालांकि निकी के प्रवक्ता ने मात्र इतना कहा कि निकी ने टृंप प्रशासन की सफलता की कामना की हैं जबकि पोम्पियो ने टृंप के इस फैसले पर चुप्पी साध लीं. माइक पॉम्पियो और निकी हेली को ट्रंप के नए प्रशासन में जगह नहीं मिलना काफ़ी चर्चा में है.
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'ट्रूथ' पर लिखा है, मैं पूर्व राजदूत निकी हेली या पूर्व विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो को अगली सरकार में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं करूंगा.ट्रंप का कहना है , “मुझे पहले उनके साथ काम करने का मौक़ा मिला है और मैंने उनके कामकाज की प्रशंसा की है. देश की सेवा के लिए मैं उनका शुक्रिया अदा करता हूँ.”
निकी हेली ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डोनाल्ड ट्रंप को जवाब देते हुए लिखा है, "मुझे राष्ट्रपति ट्रंप के साथ संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका का पक्ष रखने पर गर्व है. मैं उन्हें और उनके साथ काम करने वाले सभी लोगों को अगले चार साल में अमेरिका को एक मजबूत और सुरक्षित देश बनाने में सफलता की कामना करती हूँ."
गौरतलब हैं कि डोनल्ड ट्रंप ने  अपनी पिछली सरकार में निकी हेली को संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत बनाया था.
एक वेब साईट में छपी खबर के अनुसार निकी हेली ने अक्टूबर 2021 में अमेरिकी पत्रिका 'फॉरेन पॉलिसी' में रिपब्लिकन सांसद माइक वाल्ट्ज़ के साथ एक लेख लिखा था. इस लेख में निकी हेली ने कहा था कि चीन मध्य और दक्षिण एशिया में और पाँव पसारे, उससे पहले भारत-अमेरिका को साथ मिलकर उसे रोक देना चाहिए.हेली ने कहा था, " अमेरिका को उन रिश्तों को प्राथमिकता देनी चाहिए, जिनसे दुनिया भर में हमारी स्थिति मजबूत हो."
निकी हेली कहती हैं, "इसकी शुरुआत भारत से होनी चाहिए. अब समय आ गया है कि हम एक गठबंधन बनाया जाए. भारत के साथ सहयोग से दोनों देशों को वैश्विक ताक़त बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा जापान और ऑस्ट्रेलिया को साथ लाकर अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान में आतंकी खतरा और चीन का काउंटर कर सकता है."
वैसे इन फैसलों को यह नव निर्वाचित राष्ट्रपति के फ़ैसले लेने की प्रक्रिया का एक शुरुआती संकेत है क्योंकि वो रिपब्लिकन पार्टी के अंदर वैचारिक मतभेदों को दूर कर रहे हैं. निकी हेली अमेरिकी राज्य साउथ कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर हैं और वो संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत के तौर पर काम कर चुकी हैं.
हेली ने साल 2024 के राष्ट्रपति चुनावों के लिए रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से ख़ुद की उम्मीदवारी की दावेदारी शुरू की थी. जब वो मार्च में इस दौड़ से बाहर हो गईं, तब तक ट्रंप को चुनौती देने वाली वो आख़िरी दावेदार थीं.इस अभियान के दौरान दोनों के बीच कुछ खटास भी देखी गई थी,हालांकि अंत में निकी हेली ने रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन में राष्ट्रपति पद के लिए ट्रंप का समर्थन किया था
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक़ हेली ने अक्बूतर में मैडिसन स्क्वायर गार्डन में आयोजित ट्रंप की रैली में भाषण देने वालों की नस्लवादी और महिला विरोधी टिप्पणियों का हवाला देते हुए कहा था कि ट्रंप के अभियान की बयानबाजी महिलाओं और अल्पसंख्यकों को दूर कर रही है. प्रर्यवेक्षकों के अनुसार   हालांकि हेली ने ट्रंप के अभियान को सलाह देने की बार-बार पेशकश की थी लेकिन ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति पद की दौड़ के दौरान उनसे दूरी बनाए रखी.   वी एन आई






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