कभी न हारने की सीख के साथ लौटी हैंजुझारू सुनीता

By VNI India | Posted on 19th Mar 2025 | विदेश
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नई दिल्ली 19 मार्च (वीएनआई ) कभी न हारने की सीख के साथ अन्तरिक्ष से धरती पर लौट चुकी हैं जुझारू सुनीता विलियम्स, नासा का क्रू-9 मिशन स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान में सवार होकर पृथ्वी पर वापस लौटा और भारतीय समयानुसार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट के पास सफलतापूर्वक स्पलैशडाउन किया। स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क ने स्पेसएक्स और नासा की टीमों को "एक और सुरक्षित अंतरिक्ष यात्री वापसी" के लिए बधाई दी। मस्क ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी इस मिशन को प्राथमिकता देने के लिए धन्यवाद दिया।

अन्तरिक्ष से धरती तक सुनीता विलियम्स की यात्रा बहुत रोचक रही है!अंतरिक्षयान ड्रैगन कैप्सूल स्पेसक्राफ्ट  की अब तक 49 बार  लॉन्चिंग हुई है. 44 बार तो सिर्फ स्पेस स्टेशन गया है. सुनीता के साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री भी वापस आए  सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर पिछले 9 महीने (286 दिनों) से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन  में थे  और अब वो फिर से ज़मीन पर लौटकर बहुत खुश हैं!

 गौरतल्ब है कि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर ने 5 जून 2024 को परीक्षण यान स्टारलाइनर से आईएसएस के लिए उड़ान भरी थी. वहां आठ दिन गुजारने के बाद उनकी वापसी थी लेकिन यान में ख़राबी के कारण यह अटक गई थी. दोनों अंतरिक्ष यात्री जून 2024 में स्टारलाइनर स्पेस क्रॉफ्ट के ज़रिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पहुंचे थे. इसे बोइंग ने बनाया था.स्टारलाइनर अंतरिक्षयान में आई ख़राबी के कारण अटक गई थी.इसके साथ ही वह एक यात्रा में तीसरी सबसे ज्यादा दिन तक आईएसएस पर बिताने वाली महिला वैज्ञानिक हो बन गयीं.

आपको बता दें कि आईएसएस में एक बार में सबसे ज्यादा 371 दिन अंतरिक्ष यात्री फ्रैंक रूबियो ने बिताए हैं. कुल मिलाकर सबसे ज्यादा दिन बिताने का रिकॉर्ड 675 दिनों के साथ पिग्गी वीटस्न के पास है.

विचारणीय है कि सुनीता विलियम्स के साथ यह पहला अवसर नहीं है जब उनकी अंतरिक्ष से वापसी अटकी है. उनकी पहली यात्रा में भी उनकी निर्धारित की गई वापसी अटक गई थी. इस दौरान वह छह से अधिक महीने आईएसएस पर रही थीं.

भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स भारत के साथ गहरा लगाव रखती हैं और यहां की संस्कृति और लोगों से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करती हैं। सुनीता ने ्वादा किया  है कि वह जल्द ही भारत यात्रा करेंगी! उनके पिता दीपक पंड्या गुजरात से हैं वहां के  मेहसाणा स्थित झूलासन गांव में लोग जश्न में डूबे हैं. सुनीता की सही सलामत धरती पर वापसाी के लिए यहां पिछले 9 महीने से अखंड ज्योत जलाई गई थी.सुनीता का भारत आने पर  भारत में  हार्दिक स्वागत किया जाएगा!

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सुनीता विलियम्स को एक पत्र लिखकर उनके अद्भुत योगदान की सराहना की। उन्होंने लिखा कि 1.4 अरब भारतीय उनके साहस और उपलब्धियों पर गर्व करते हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपतियों से भी उनकी कुशलक्षेम के बारे में बात की थी और वे उत्सुकता से उनकी भारत यात्रा का इंतजार करने की बात कही थी

उनके जन्मदिन पर उनके परिवार ने अंतरिक्ष में उनके लिए  उनकी पसन्दीदा काजू कतली भेजी थी। वह महाकुंभ के बारे में बहुत उत्साहित थीं और इसके बारे में अधिक जानने की इच्छा रखती थीं।

और हाँ, जब वापसी की बात हो, तो समोसे की चर्चा कैसे न हो! सुनीता ने स्पेस में पहली बार समोसा खाया था! अब जब वह घर लौट आई हैं, तो समोसा पार्टी तो बनती ही है!

सुनीता की यात्रा प्रेरणादायक है, जो हम सभी को कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और सकारात्मकता बनाए रखने की सीख देती है। उनका परिवार भी संघर्षशील रहा है, जिससे हमें यह सीखने को मिलता है कि किसी भी चुनौती का सामना कर उसे सफल बनाया जा सकता है।


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