संगीत का वो बेमिसाल सितारा -सी.रामचंद्र

By Shobhna Jain | Posted on 5th Feb 2018 | मनोरंजन
altimg

नयी  दिल्ली 5/2/2018(सुनील कुमार -वीएनआई)

 

चितळकर रामचन्द्र  का  जन्म  12 जनवरी, 1918 को   अहमदनगर, महाराष्ट्र में हुआ ; मृत्यु- 5 जनवरी, 1982, मुंबई में हुई न केवल संगीतनिर्देशन की प्रतिभा से परिपूर्ण थे, अपितु उन्होंने अपनी गायकी, फ़िल्म निर्माण, निर्देशन और अभिनय से भी सिने प्रेमियों को अपना दीवाना बनाए रखा। फ़िल्म जगत में 'अन्ना साहब' के नाम से मशहूर सी. रामचन्द्र से फ़िल्मों से जुड़ी कोई भी विधा अछूती नहीं रही थी। वह  हंसमुख इंसान थे!

(1942) 'सुखी जीवन'  'सावन' (1945), 'शहनाई' (1947), 'पतंगा' (1949) और 'समाधि' एवं 'सरगम' (1950) जैसी फिल्मों   में  उनका  संगीत  था   हैं। सन 1951 में सी. रामचन्द्र को भगवान दादा की निर्मित फ़िल्म 'अलबेला' में संगीत देने का मौका मिला। 1951 में प्रदर्शित फ़िल्म 'अलबेला' में अपने संगीतबद्ध गीतों की कामयाबी के बाद सी. रामचन्द्र एक सफल संगीतकार के रूप में फ़िल्मी दुनिया में जम गए। वैसे तो फ़िल्म 'अलबेला' में उनके संगीतबद्ध सभी गाने सुपरहिट हुए, लेकिन ख़ासकर "शोला जो भड़के दिल मेरा धड़के", "भोली सूरत दिल के खोटे नाम बड़े और दर्शन छोटे", "मेरे पिया गए रंगून, किया है वहाँ से टेलीफोन" आदि गीतों ने भारत में धूम मचा दी। 1953   में   फिल्म अनारकली ,व्   1954   में    फिल्म   नास्तिक   में      उनका  संगीत  बहुत     पसंद     किया गया ! 1962 में  उनका संगीतबद्ध   और  कवि    प्रदीप का लिखा  गीत "ऐ  मेरे   वतन  के  लोगों ........." , जिसे   लताजी ने  गाया  आज  भी  देशभक्ति  का  बेमिसाल  गीत  है!       

 

 


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of the Day:
Posted on 22nd Dec 2024
Thought of the Day
Posted on 21st Dec 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

Today in history
Posted on 21st Mar 2022
© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india