तलत महमूद की पुण्य तिथि पर

By Shobhna Jain | Posted on 9th May 2017 | मनोरंजन
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सुनील कुमार ,वी एन आई ,नयी दिल्ली 09 -05-2017 हिंदी फिल्मों में गजल गायकी को एक मुकाम देने के लिए किसी को शिद्द्त से याद किया जाता है तो वो हैं "तलत महमूद "!गजलों के अलावा उन्होंने और भी बेहतरीन फ़िल्मी, गैर फ़िल्मी नग्मों को अपनी आवाज बक्शी ! शुरुआत में तो उन्हें मुंबई में कोई ख़ास सफलती नहीं मिली, लेकिन बाद में मुंबई में प्रदर्शित फ़िल्म 'राखी' (1949), 'अनमोल रतन' (1950) और 'आरजू' (1950) से उनके करियर को विशेष चमक मिली। फ़िल्म 'आरजू' की ग़ज़ल "ऐ दिल मुझे ऐसी जगह ले चल जहाँ कोई न हो..." ,लोकप्रिय हुआ । यहीं से तलत और दिलीप कुमार की जोड़ी बनी और आगे भी चली ! तलत महमूद ने हिन्दी की कई फ़िल्मों और तीन बांग्ला फ़िल्मों में अभिनय भी किया। उन्होंने बहुत सी भारतीय भाषाओं में गाने गाये। मशहूर संगीतकार नौशाद ने भी तलत को फ़िल्म 'बाबुल' के लिए गाने का मौका दिया। अभिनेता दिलीप कुमार पर फ़िल्माया गया उनका गाना "मिलते ही आंखे दिल हुआ दीवाना किसी का..." बहुत सराहा गया। इसके बाद तो तलत ने लगातार कई फ़िल्मों में लगातार हिट गने दिए और खूब नाम कमाया। उसी समय फ़िल्म 'सुजाता' के लिए उनका गाना "जलते हैं जिसके लिए..." पसंद किया गया। तलत महमूद ने हिन्दी फ़िल्मों में आखिरी बार 'जहाँआरा' के लिए गाया। तलत के गाये फ़िल्मी नग्में 1. जाएँ तो जाएँ कहाँ - (टैक्सी ड्राइवर) 2. सब कुछ लुटा के होश - (एक साल) 3. फिर वही शाम, वही गम - (जहाँआरा) 4. मेरा करार ले जा - (आशियाना) 5. शाम-ए-ग़म की कसम - (फुटपाथ) 6. हमसे आया न गया - (देख कबीरा रोया) 7. प्यार पर बस तो नहीं - (सोने की चिड़िया) 8. ज़िंदगी देने वाले सुन - (दिल-ए-नादान) 9. अंधे जहान के अंधे रास्ते - (पतिता) 10. इतना न मुझसे तू प्यार बढ़ा - (छाया) 11. आहा रिमझिम के ये - (उसने कहा था) 12. दिले नादाँ तुझे हुआ क्या है - (मिर्ज़ा ग़ालिब) 24- फ़रवरी 1924 को जन्मा ये महान गायक,9 मई 1998 को इस दुनिया को अलविदा कह गया !

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