नई दिल्ली, 14 दिसंबर (शोभनाजैन/वीएनआई) विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण एवं सहयोगात्मक सम्बन्धों के प्रति भारत की वचनबद्धता दोहराई साथ ही साफ तौर पर यह भी कहा कि सरकार देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इस संबंध में किसी भी प्रकार के खतरे से निबटने के लिए सरकार कूटनीतिक प्रयोगों सहित सभी सभी आवशयक कदम उठाएगी साथ ही उन्होने उम्मीद जताई है कि पाकिस्तान के साथ नवीन ‘‘समग्र वार्ता’’ से हमारे समूचे क्षेत्र में शांति और विकास का नया अध्याय शुरू होगा।
विदेश मंत्री ने आज संसद के दोनो सदनो ने अपने हाल की पाकिस्तान यात्रा और भारत-पाक संबंधों में नवीनतम घटनाक्रम पर ्संसद के दोनो सदनो में अपनी पहल पर दिये वक्तव्य में यह बात कही.राज्य सभा मे जहा उनका वक्तव्य विपक्ष के भारी हंगामे के बीच हुआ, वही लोक सभा मे यह शांति से सुना गया.उन्होने कहा 'हमारी सरकार पाकिस्तान सहित अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण एवं सहयोगात्मक सम्बन्धों के प्रति वचनबद्ध है, ताकि दक्षिण एशिया में शांति और विकास के लिए जो प्रयास इस सरकार ने अपना कार्यभार संभालने के समय शुरू किए थे, उन्हे आगे बढ़ाया जा सके।'
पाकिस्तान के साथ वार्ता नये सिरे से शुरू करने के बारे मे उन्होंने कहा कि इससे आपसी समझ और विश्वास भी बढ़ सकता है। हम यह आशा करते हैं कि इस नवीन वार्ता से हमारे समूचे क्षेत्र में शांति और विकास का एक नया अध्याय शुरू होगा. श्रीमति स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान के साथ इस नवीन वार्ता के दो उद्देश्य है – चिंता के विषयों पर रचनात्मक बातचीत के जरिए समस्याओं का निराकरण करना और साथ ही सहयोगात्मक सम्बन्धों को स्थापित करना तथा इस दिशा में नए मार्ग तलाशना। व्यापार और संपर्क द्वारा, लोगों के बीच आपसी संपर्क द्वारा, और मानवीय पक्षों पर नई पहलों के द्वारा समूचे क्षेत्र का कल्याण हो सकता है और इससे आपसी समझ और विश्वास भी बढ़ सकता है।
विदेश मंत्री ने गत आठ-नौ दिसंबर को पाकिस्तान में आयोजित ‘‘हार्ट आफ एशिया’’ सम्मेलन में भाग लेने की चर्चा करते हुए कहा कि अफगानिस्तान से संबंधित इस आयोजन का उद्देश्य सुरक्षा तथा सम्पर्क बढ़ाना था। यह सम्मेलन अफगानिस्तान में स्थिरता तथा विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और उसके भविष्य के प्रति हमारी आस्था को पुन: दोहराने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बना।
उन्होंने कहा कि इस्लामाबाद यात्रा के दौरान उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात की और विदेश मंत्री सरताज अजीज के साथ भी विचार विमर्श किया। इन बैठकों के उपरांत पाकिस्तान के साथ एक समग्र द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने के निर्णय की घोषणा गत नौ दिसंबर को इस्लामाबाद में एक संयुक्त वक्तव्य के माध्यम से की गई।
यह निर्णय दोनों देशों के बीच हाल ही के घटनाक्रमों और वार्ता, विशेषकर छह दिसंबर को बैंकाक में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच हुई रचनात्मक बातचीत के उपरान्त लिया गया। दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की यह बैठक 30 नंबर को पेरिस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच हुई बातचीत के परिणामस्वरूप हुई थी।
भारत और पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने गत जुलाई में ऊफा में मुलाकात की और इस बात पर सहमत हुए कि शांति सुनिश्चित करने और विकास को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी दोनों देशों की है। उन्होंने सभी प्रकार के आतंकवाद की निंदा की और दक्षिण एशिया में आतंकवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने पर सहमति भी व्यक्त की।
इसी उद्देश्य से दोनों देशों ने आतंकवाद से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया। दोनों ने यह भी इंगित किया कि दोनों देश सभी बकाया मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ऊफा सम्मेलन के दौरान शरीफ ने मोदी को वर्ष 2016 में सार्क शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इस्लामाबाद आने के लिए आमंत्रित किया।
बयान मे उन्होने कहा कि ऊफा में प्रस्तावित दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों और डी जी एम ओ की प्रस्तावित बैठक नहीं हो सकी, इसके कारण की हम सभी को जानकारी है। ऊफा में हुई सहमति के अनुसार सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक और पाकिस्तानी रेंजर्स के बीच बैठक हुई और कई मानवीय पहलुओं को भी लागू किया गया।
इस पृष्ठभूमि में जब प्रधान मंत्री मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ गत 30 नवंबर को पेरिस में सीओपी-21 शिखर वार्ता के दौरान मिले तो इस बात पर चर्चा हुई कि दोनों देशों के बीच दोबारा किस तरह बातचीत का माहौल बनाया जा सकता है। इसके पीछे यह भावना थी कि हम दोनों पड़ोसी देशों के बीच लगातार दूरी हमारे क्षेत्र में शांति स्थापित करने तथा इसे एक प्रगतिशील क्षेत्र के रूप में विकसित करने के हमारे साझा सपने के मार्ग में एक अड़चन है।
पेरिस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ मोदी की बातचीत के बाद दोनों प्रधानमंत्रियों ने निर्णय लिया कि दोबारा एन एस ए स्तर की बातचीत शुरू की जाए। तदनुसार, दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने गत छह दिसंबर को बैंकाक में मुलाकात की। वी एन आई