रियाद,29 दिसंबर (सुनीलकुमार/वीएनआई)सऊदी अरब ने पेट्रोल की कीमतों में 40 फीसदी तक की वृद्धि की घोषणा की है. विशेषज्ञो का मानना है कि तेल की बड़ी कीमतों का प्रभाव भारत सहित अंतरर्राष्ट्रीय बाजार पर भी पड़ेगा
गौरतलब है कि साल भर से तेल के कीमतों में भारी कमी हुई थी. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में हुई भारी कटौती का असर भारतीय बाजार में हुआ. भारत मुख्य रूप से तेल का आयातक देश है.
सऊदी अरब के इस इजाफे से महंगाई बढ़ने का खतरा एक बार फिर मंडराने लगा. .कच्चे तेल की गिरती कीमतों के कारण दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश सऊदी अरब का बजट घाटा बढ़ कर रिकॉर्ड 98 अरब डॉलर हो गया है. सउदी वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह घाटे को पूरा करने के लिए ईंधन के लिए दी जाने वाली सब्सिडी में कटौती करेगा.
अधिकारियों के मुताबिक कुछ मामलों में पेट्रोल की कीमतें 50 फीसदी तक बढ़ सकती हैं, हालांकि फिर भी अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक ये कम ही रहेंगी.
सऊदी अरब में डीजल, बिजली और पानी की कीमतें भी बढ़ेंगी.
कच्चे तेल की कीमतें तेज़ी से गिरी हैं. ये मार्च 2012 में 125 डॉलर प्रति बैरल के अपने उच्चतम स्तर से घटकर अब मात्र 37.18 डॉलर तक पहुंच गया है.
सऊदी अरब के मुताबिक तेल से मिलने वाले उसके राजस्व में 23 फीसदी की कमी आई है.अमेरिका के साथ परमाणु करार हो जाने के बाद ईरान पर लगी पाबंदियां हटा दी गई हैं और ईरान ने अपना तेल उत्पादन बढ़ा दिया है जबकि यूरोप के कई देशों की अर्थव्यस्था बहुत अच्छी हालत में नहीं है लिहाज़ा इन देशों में डीजल और पेट्रोल पर चलने वाले वाहनों की बिक्री में ज़बरदस्त कमी आई है, ये देश अब वाहनों को चलाने के लिए लिए ऊर्जा के दूसरे तरीकों की तलाश कर रहे हैं. भारत को कच्चे तेल की जरूरत का 77 फीसदी हिस्सा आयात करना पड़ता है वी एन आई