नई दिल्ली, 01 मई, (वीएनआई) आज दिल्ली में कामगारों ने मजदूर एकता केंद्र (डब्लूयूसी) द्वारा दिल्ली के आनंद पर्वत औद्योगिक क्षेत्र में आयोजित मई दिवस कार्यक्रम में भारी संख्या में भाग लेकर मजदूर दिवस मनाया | साथ ही कामगारों ने मजदूर वर्ग के हालात को साथ में मिल कर बदलने की कसम खाई|
मज़दूर एकता केंद्र के कार्यकर्ता ने बताया कि आनंद पर्वत औद्योगिक क्षेत्र जहाँ हर दिन लाखों मजदूर 12-14 घंटे काम करते हैं| यंहा किसी सेफ्टी मानकों के पालन के मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी से भी नीचे काम करने को मजबूर होना पड़ता है और श्रम कानूनों को खुलेआम तोडा जाता है| आये दिन श्रम कानूनों में बदलाव करके पूंजीपतियों का मुनाफा बढाया जा रहा है| हर क्षेत्र में ठेकेदारी प्रथा बढ़ी है, जिसके कारण `कंपनियां अपनी मनमर्जी से मजदूर को काम से निकाल सकती है|
साथ ही उन्होंने बताया कि जहाँ एक ओर मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया का नारा दिया है वहीँ दूसरी ओर जो कामगार सचमुच देश का निर्माण करते हैं उनके श्रम की कोई इज्ज़त नहीं है| बहुसंख्यक मजदूर एक कमरे के घरों में स्लमों/बस्तियों में रहने को मजबूर हैं| यह वही बस्ती हैं जिनको कभी भी डी.डी.ए द्वारा तोडा जा सकता है| कामगार वर्ग उन्ही बस्तियों में रहने को मजबूर हैं जहाँ पानी की टैंकर आने पर ऱोज पानी के लिए लड़ाईया होती हैं|
आज मई दिवस के दिन कामगारों ने इस दिन के महत्व को याद किया जब मजदूरों ने साथ लड़ कर 8 घंटे काम के अधिकार को लिया था| कामगारों ने प्रण लिया कि वो इस पूँजीवादी व्यवस्था के खिलाफ साथ मिलकर संघर्ष करेंगे और मजदूरों के शोषण पर आधारित इस व्यवस्था में बदलाव लायेंगे|