पत्रकारो के “स्व सशक्तिकरण” पर कार्यशाला

By Shobhna Jain | Posted on 10th Oct 2022 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली, 10 अक्टूबर, (वीएनआई) आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मीडिया प्रभाग द्वारा पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों हेतु  इस विधा में स्वयं को प्रखर बनाने के लियें “स्व सशक्तिकरण”  कार्यशाला का आयोजन  किया गया. जिस में विभिन्न विधाओं से जुड़ें पत्रकारों ने मीडिया से जुड़े अपने अनुभव, आकलन और दायित्वों  के बारें मे चर्चा की। 

 इस मौकें पर यूएनआई के प्रधान संपादक अजय कौल ने कहा कि मीडिया में अन्तरवलोकन होना बेहद आवश्यक है क्यूंकि कई बार कुछ समाचार जो भृमित करते है उनकी फैक्ट चैकिंग होना जरूरी है क्यूंकि मीडिया बहुत शक्तिशाली है और उसके नुकसान की संभावना भी बहुत है अतः न्यूज़ और व्यूज़ के अंतर को स्पष्ट रूप से समझना होगा और निश्चित रूप से इसके लिए सही आत्म निरिक्षण ज़रूरी है..ये आत्म निरिक्षण की शक्ति हमें राजयोग मेडिटेशन से प्राप्त होता है.

 वरिष्ठ पत्रकार और  कॉलमनिस्ट  तथा देश की महिला पत्रकारों की एक मात्र एसोसियेशन भारतीय महिला प्रेस कोर्प्स, नई दिल्ली की अध्यक्ष सुश्री शोभना जैन ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का  मजबूत स्तंभ  होता हैं. समाज में हो रहें निरंतर बदलाव और उथल पुथल  का समाज का अंग होनें के नातें मीडिया  पर भी प्रभाव पड़ना स्वाभा विक हैं, इस स्थति  में मीडिया  को  खास तौर पर समझना होगा कि  समाज और देश में  उस की क्या भूमिका, जिम्मेवारी है. इसे ले कर मीडिया कोआत्ममंथन और आत्मचिंतन की जरुरत है, खास तौर पर  ऐसे में उस की जिम्मेवारी और भी बढ जाती हैं ्जब कि एक आम जन मीडिया  में रखें गये विचारों, विश्लेषणों पर विशेष ध्यान देता  हैं, हम मीडिया कर्मियों को समझना होगा कि हमें वो विरासत  मिली हैं जब कि अखबार में छपें किसी शब्द को कभी ब्रह्म वाक्य माना जाता था. ब्रह्माकुमारीज  जैसे संगठन निजी और सार्वजनिक जीवन में शुचिता के लियें निरंतर प्रयासरत हैं. "स्व सशक्तिकरण" जैसे कार्यक्रम अपने अंदर झाकने और आत्मा व परमात्मा को पहचानने की दिशा में एक अच्छा प्रयास हैं जो सर्व हित सुखाय का  परिचायक हैं और जिस का अन्ततं समाज को लाभ मिल सकता हैं.
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दिल्ली विश्वविद्द्यालय पत्रकारिता विभाग के निदेशक प्रो. जी पी दुबें  ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लियें बधाई देते हुयें कहा कि हमें चेतना का उपयोग अपनें,समाज  और देश के उत्थान के लियें उपयोग करना चाहियें.

निस्कोर्ट मीडिया की प्राधाना चार्य प्रो. रितु दुबे तिवारी ने कहा कि  मीडिया को निरोगी उपयोगी और सहयोगी बनना होगा  तब ही हम समाज और देश को कुछ दे पाएंगे ।

डी डी न्यूज़ के संपादक मनीष वाजपेयी ने  कहा कि मीडिया का काम है ऐसे मध्यस्ता करना जिससे समाज एवं राष्ट्र का हित हो.इंटरएक्टिव बीज़ प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक बीके मोनिका गुप्ता ने स्लाइड्स के जरिये बताया कि  मन में उत्पन्न विचारों से कैसे हम अपने व्यक्तित्व और भाग्य का निर्माण कर सकते है, इसके लिए आत्मा को परमात्मा को याद कर विचारों को शुद्ध और शुभ बनाना होगा . प्रेस काउंसिल की सदस्य आरती दुबें ने भी कार्यशाला को संबोधित किया.

राजयोगिनी ब्रह्माकुमरी लता ने कहा कि परमात्मा एक है वो सर्वशक्तिवान है, सर्वज्ञ है, वो निराकार ज्योतिरूप है जो सर्वधर्ममान्य है, जिसका यथार्थ नाम शिव है जो सर्वप्रिय है, साथ ही सभी को राजयोग मेडिटेशन के अर्थ और उसकी विधि से अवगत कराते हुए कुछ मिनिट राजयोग का अभ्यास भी कराया।

ब्रह्माकुमरीज के मीडिया प्रभाग के राष्ट्रीय संयोजक बी के सुशान्त ने कार्यशाला के विषय का स्पष्ट करते हुए कहा कि हम सभी एक एक मीडिया हैं मीडिया में देने की भावना से ही शक्ति का संचार होगा. मात पिता, समाज, परिवार ने जो हमे दिया है वो उन्हें हमने वापिस देना है, दिवाली का दिया प्रतीक है सर्व ज्योतियों के परमज्योति परमात्मा से लेना और समाज और संसार को देते रहना इसे ही मेडिटेशन कहते हैं. उन्होंने कहा हमारा इंटेंट ही हमारे कंटेंट को परिभाषित करता है यधपि मीडिया समाज सुधारक नहीं किन्तु मीडिया तटस्थ भी नहीं हो सकता. मेडिटेशन के आधार पर अपनी अंतर शक्ति को जागृत करके मीडिया समाज सुधार हेतु बेहतर सुझाव अवश्य दे सकता है. आत्मा का अध्ययन करना अध्यात्मिकता है जिसमे अंतर्रात्मा को जानकर परमात्मा जो शक्ति के सागर है से जुड़कर स्वयं को सशक्त करते है तो समाज के सुधार के सुझाव प्रस्तुत कर सकते है, अगर मीडिया में उत्कृष्टता को प्राप्त करना है तो आध्यात्मिक को आधार बनाना होगा।

आशीर्वचन देते हुए कार्यक्रम की आयोजक एवं ब्रह्माकुमारी संस्था के दिल्ली और यूपी, रूस और बाल्टिक देश में सेवाकेन्द्रों की निर्देशिका राजयोगिनी बी के चक्रधारी* ने बताया की यदि समस्या घर की हो तो उसे घर का मुखिया ठीक करता, ग्राम, शहर, जिले, राज्य या देश की हो तो उसका मुखिया ठीक करता परन्तु यदि समस्या वैश्विक हो तो उसे विश्व का मुखिया अर्थात परमात्मा ही आकर सुधारते है और ये पापाचार, भ्रष्टाचार, दुराचार आदि वैश्विक समस्याएं है.इस अवसर पर *इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट के महासचिव परमानंद पांडे, अखिल भारतीय लघु समाचार पत्र संघ, लखनऊ के अध्यक्ष शिव शंकर त्रिपाठी, भारतीय मीडिया कल्याण संघ के अध्यक्ष राजीव निशाना  तथा मोटिवेशनल स्पीकर और मेमोरी ट्रेनर (वर्ल्ड गिनीज बुक रिकॉर्ड होल्डर) डॉ. अदिति सिंघली ने मंच सञ्चालन किया तथा बी के गणेश जोशी ने सभी का स्वागत किया। वीएनआई/ विश्वास


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