चेन्नई, 8 फरवरी (वीएनआई) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने आज कहा कि उन्होने पार्टी से कभी धोखा नही किया और वे अपना इस्तीफा वापिस लेंगे , पन्नीरसेल्वम ने आज यह घोषणा भी की कि दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की जांच कराई जाएगी। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम की महासचिव वी. के. शशिकला के खिलाफ मंगलवार देर शाम मोर्चा खोलने वाले पन्नीरसेल्वम ने इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि जयललिता की मौत की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन किया जाएगा।
दूसरी तरफ पन्नीरसेल्वम के बागी तेवर के बाद सत्तारूढ़ ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने कहा कि वह मुख्यमंत्री पद गंवाने की वजह से बागी हुए। पार्टी ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद पार्टी की महासचिव वी.के. शशिकला व अन्य के खिलाफ आवाज उठाई।
एक नाटकीय घटनाक्रम में पन्नीरसेल्वम ने मंगलवार देर शाम पत्रकारों से कहा था कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने एआईएडीएमके महासचिव वी.के. शशिकला और अन्य को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया तथा उन्हें अवसरवादी करार दिया। पनीरसेल्वम के बयान के बाद देर रात को शशिकला ने अपने घर पर विधायकों को बुलाया और कहा कि पनीरसेल्वम को बर्ख़ास्त किया जा रहा है.दूसरी तरफ आज सुबह तमिलनाडु के कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने प्रेस कांफ्रेंस कर के कहा है कि वो सदन में अपना बहुमत सिद्ध कर देंगे.
पन्नीसेल्वम के बगावती तेवर के बाद बुधवार को पार्टी के प्रवक्ता अवादि कुमार ने से कहा, "मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ही उन्होंने अपनी आवाज उठाई। इसके अतिरिक्त उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य के राज्यपाल सी. विद्यासागर राव को 'आपके सहयोग के लिए धन्यवाद' का पत्र भी लिखा।"
कुमार के अनुसार, प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में पन्नीरसेल्वम ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने अपनी इच्छा से पद से इस्तीफा दिया और उनपर यह पत्र लिखने के लिए कोई दबाव नहीं था।
कुमार ने कहा, "अपने अपने आप ही काम कर रहे थे और अपना हित साध रहे थे। पार्टी को उनके कदमों से कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि जल्लीकट्ट पर प्रतिबंध के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर पुलिस की कार्रवाई से पार्टी को नुकसान ही हुआ।"
पन्नीरसेल्वम के बयान का जिक्र करते हुए कुमार ने कहा कि उन्होंने खुद पार्टी महासचिव और बाद में मुख्यमंत्री पद के लिए शशिकला का नाम प्रस्तावित करने की बात कही थी। कुमार ने सवाल किया, "आखिर किस वजह से उन्होंने पहले इसका विरोध नहीं किया था?" मंगलवार रात को पार्टी में ओ पनीरसेल्वम ने बग़ावत कर दी और कहा कि उनसे जबरन इस्तीफ़ा लिया गया. उन्होंने देर शाम मरीना बीच पर जयललिता की समाधि पर लगभग पौने घंटे तक ध्यान लगाने के बाद एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर कहा कि अगर लोग चाहते हैं तो वो अपना इस्तीफ़ा वापस ले सकते हैं
एआईएडीएमके प्रवक्ता ने राज्य में ऐसे समय में राज्यपाल की लगातार गैरमौजूदगी पर भी सवाल खड़े किए, जबकि यहां कार्यवाहक सरकार है। उन्होंने कहा, "हमें मालूम नहीं है कि हम उनसे कहां संपर्क करें और शशिकला के लिए विधायकों के समर्थन का पत्र कैसे सौंपें?"
राज्य में पल-पल बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच राज्यपाल कोयम्बटूर से पहले दिल्ली गए और फिर मुंबई चले गए।
कुमार ने कहा कि यह दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और केंद्र सरकार इस मुश्किल घड़ी में अपना हित साधने की कोशिश में जुटी है।पर पनीरसेल्वम ने इन खबरों का खंडन किया कि उन्हें बीजेपी से समर्थन मिल रहा है. उधर, भारतीय जनता पार्टी ने साफ कर दिया है कि यह राज्य का अंदरुनी मामला है और पार्टी इसमें कोई दखलअंदाजी नहीं करेगी. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने दिल्ली में कहा कि बीजेपी का इस पूरे मामले से कोई लेना देना नहीं है. इस पूरे मामले पर राज्यपाल सही समय पर सही कार्रवाई करेंगे.
गौरतलब है कि शशिकला को रविवार को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो गया था मगर राज्यपाल सी विद्यासागर राव के चेन्नई में नहीं होने के कारण मंगलवार को ख़बर आई कि इस दिन शपथ ग्रहण नहीं हो सकता.