भारत-इजराइल : नई संभावनाओं का सफर

By Shobhna Jain | Posted on 19th Jan 2018 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली, 19 जनवरी, (शोभना जैन/वीएनआई) राजधानी का भव्य हैदराबाद हाउस...भारत यात्रा पर आये इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दोनो देशों के शिष्टमंडल के बीच हुई गहन मंत्रणा के बाद प्रधान मंत्री मोदी द्वारा श्री नेतन्याहू के सम्मान मे सरस माहौल मे भोज का आयोजन चल रहा हैं, अतिथियों के मनोरंजन के लिये लाईव बैंड मधुर संगीत की लहरियॉ छेड़े हुए है, तभी लाइव बैंड ने मशहूर फिल्मकार राजकपूर की बेहद चर्चित फिल्म श्री 420 का लोकप्रिय गाना ‘ईचक दाना-बीचक दाना’ बजाया तो इज़रायली शिष्टमंडल झूम ऊठा और खाने की मेज पर बैठे बैठे पैरों से गाने की धुन पर ताल देने लगे.आलम यह बन गया कि शिष्टमंडल के सदस्यो ने 1955 मे बनी इस भारतीय फिल्म से जुड़ी अपनी यादो को ताजा करते हुए गाने को दोबारा बजाने का आग्रह भी किया.इज़रायलियों की इस 'दीवानगी' पर विदेश मंंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा भी कि सचमुच यह बात हैरान करने वाली थी कि इतने ज्यादा इज़रायली इस  भारतीय फिल्मी गाने को जानते थे. अधिकारी ने कहा कि दरअसल दो देशो की जनता के बीच रिश्ते बनाने मे फिल्में अहम भूमिका निभाती है.निश्चित तौर पर यह टिप्पणी भारत इजरायली रिश्तों के बदलते समीकरण में दोनो देशों के सरकारों के बीच बढते संपर्क के साथ ही दोनो देशो की जनता के बीच भी  रिश्तें बढाने की दिशा मे बढते कदमों की द्द्योतक हैं, और कारोबारी रिश्तें इस का अहम पहलू हैं. दरअसल  समारोह में ईचक दाना गाने पर सिर्फ यह इजरायली दाद ही नही थी बल्कि मनोरंजन के साथ साथ पिछले कुछ समय से भारत और इज़रायल में फिल्में दोनो देशों की जनता को एक दूसरे को जोड़ने के साथ कारोबारी रिशतो का जरिया भी बन रही है. पिछले कुछ समय से दोनो देशो के फिल्मकार एक दूसरे के यहा फिल्मों की शूटिंग कर रहे हैं, आपसी सहयोग से फिल्में बना रहे है. इसी पृष्ठभूमि मे इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की  इस भारत यात्रा के दौरान दोनो देशो के बीच हुए समझौतों मे एक अहम समझौता फिल्मों के क्षेत्र मे आपसी सहयोग बढाने के बारे मे भी है

श्री नेतन्याहू चाहते है कि भारतीय फिल्मकार इजरायल के सहयोग से फिल्मे बनाये ,वहां शूटिंग करे. इस नजरिये से इस समझौते को खासा अहम माना जा रहा है.इजरायल का सोच है कि इज़रायल की खूबसुरत लोकेशन्स,  जिस के बारे में भारत सहित दुनिया की काफी लोग अनभि्ज्ञ है, उस पर दुनिया की नजर पड़ेगी,जिस से इजरायल का पर्यटन उद्द्योग भी काफी बढेगा. इसी को ध्यान मे रखते हुए  इज़रायल भारत मे पर्यटको को आकर्षित करने के लिये इस वर्ष अपना बजट ५०-६०  लाख डॉलर रखा है, इस उम्मीद के साथ की कि भारत से इस वर्ष लगभग १ लाख सैलानी इजरायल जायेंगे   यही वजह है श्री नेतन्याहू की भारत यात्रा के दौरान मुंबई यात्रा के दौरान मुबंई फिल्म नगरी से रूबरू होने का कार्यक्रम'शलोममुबंई'( इजरायली हिब्रू भाषा मे शलोम का अर्थ है शांति-सौहार्द)खास तौर पर उनके आग्रह पर बनाया गया. इस दौरान वे भारतीय फिल्मकारो से इजरायल में फिल्मे बनाने पर जोर देंगे. इज़रायल पिछले काफी समय से भारतीय फिल्मकारो को अपने यहा  फिल्में बनाने के लिये निमंत्रित कर रहा है. प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की गत जुलाई की इज़रायल  यात्रा के बाद बॉलीवुड के मशहूर फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह और जेकलीन फर्नान्डिस की जोड़ी ने अपनी फिल्म 'ड्राईव' की शूटिंग  की. खबरो के अनुसार यह पहली हिंदी फिल्म थी जिस की पूरी शूटिंग इजरायल मे हुई, जिस के लिये इजरायल सरकार ने सक्रिय सहयोग दिया. वैसे इन दिनो भी बॉलीवुड की एक अन्य फिल्मकार  आयन मुखर्जी भी  इजरायल मे अपनी फिल्म 'ब्रहमास्त्र' की शूटिंग फिल्म अभिनेता रनबीर कपूर और आलिया भट्ट के साथ कर रहे है. इजरायल सरकार भी वहा भारतीय फिल्मों की शूटिंग मे सक्रियता से सहयोग दे रही है, उन्हे करो मे रियायते और अन्य सुविधाये भी दे रही है, उस का यह भी मानना है कि इस से इजरायली लोगो को रोजगार भी मिलता है .

भारत स्थित इजरायल दूतावास भी समय समय पर मुबंई फिल्म उद्द्योग के बडे प्रतिनिधियो के साथ  फिल्म क्षेत्र में सहयोग बढने पर निरंतर संपर्क मे रहता  है ताकि इजरायल की खुबसूरत लोकेशन्स पर भारतीय फिल्मकारों की नजर पड़े जिस से फिल्मो के जरिये कारोबार हो साथ ही पर्यटन भी बढे और बड़ी तादाद मे भारतीय सैलानी इजरायल जाये, वैसे फिलहाल बड़ी तादाद मे ईसाई और मुस्लिम धर्मावंलबी तीर्थ यात्रा के लिये यरूशलम जाते है,लेकिन पिछले कुछ समय से दोनो देशो के बीच बढते रिश्तों के बीच दोनो देशो के बीच पर्यटको के संख्या भी बढ रही है.इजरायल का कहना भी है कि बॉलीवुड फिल्मी सितारो में से अनेक इजरायल आ चुके है , दोनो देश अपने अपने यहा फिल्म महोत्सव भी आयोजित करते रहे है जो खासे सफल भी रहा है.इजरायल का जोर इस बात पर ्है कि ज्यादा से ज्यादा बॉलीवुड की हस्तियॉ यहा आये फिल्मे बनाये, इजरायल के पर्यटक स्थलो की लोकेशन को चुने. निश्चित तौर पर  ्बॉलीवुड फिल्मो की दुनिया भर में पहुंच और लोकप्रियता के चलते  इस से उनका पर्यटन  दुनिया भर बढेगा. गौरतलब है कि ऐसे वक्त जबकि इजरायल दुनिया  के अनेक हिस्सों और संगठनो की तरफ से 'बी डी एस' आंदोलन के चलते खास तौर पर सा्स्कृतिक अलगाव ्झेल रहा है, भारत के फि्ल्म उद्द्योग के साथ सहयोग बढाने  पर उस की नजर है. पिछले एक दशक से भी ज्यादा वक्त से विभिन्न मानवाधिकर संगठन 'बॉयकॉट, डिसन्वेस्टमेंट एंड सेन्क्शंस'-बी डी एस  आंदोलन के जरिये फलस्तीन हितों को ले कर इजरायल पर अंतर राष्ट्रीय नियमों कायदो के उल्लघ्ंन ्की बात करते हुए उस के खिलाफ आर्थिक और राजनैतिक द्बाव बनाने ्में जुटे है.

सरकारी स्तर पर इजरायल का सांस्कृतिक और पर्यट्न मंत्रालय पिछले काफी समय से इस बारे मे प्रयास रत है,मंत्रालयों  द्वारा फिल्म बनाने के लिये सुविधायें मुहैय्या कराने मे मदद की जा रही है ताकि भारतीय फिल्मो की दुनिया भर में बढती लोकप्रियता से कारोबारी सहयोग बढाया जा सके.इजरायल मे कुछ निजी  चैनल 'हॉट बॉम्बे' तथा 'यस इंडिया' जैसे कुछ चेनल वहा पिछले कुछ वर्षो से बॉलीवुड फिल्मो के चौबीस घंटों का प्रसारण चला रहे है, जो खासे लोक प्रिय है.इजरायल के लोकप्रिय रेडियों, चैनल पर भी अक्सर बॉलीवुड के फिल्मी गाने सुनाई दे जाते है. एक जानकार के अनुसार  अमिताभ बच्चन,शाह रूख खान,आमिर खान,प्रियंका चिपड़ा और माधुरी दीक्षित आज की पीढी की पसंद है जबकि 'ईचक दाने' की दीवानगी ने बता ही दिया पुरानी पीढी आज भी राजकपूर नर्गिस जैसे कलाकारो के नाम पर खिल उठती है. तेल अबीव के कुछ सिनेमाघर नियमित रूप से बॉलीवुड फिल्में प्रदर्शित करते रहे है, जो कई मर्तबा तो हाउस फुल भी रहती है. इन फिल्मो को इजरायल के स्थानीय लोग भी खासा पसंद करते है.वैसे इजरायल मे भारत से गये भारतीय मूल के यहूदियो की संख्या भी खासी बड़ी, लगभग ८५,००० के आसपास है , जो वहा इज़रायली संस्कृति को अपनाने के साथ भारतीय विरासत भी सहेजे हुए है,पुराने पीढी के भारतीय खान पान,शादी ब्याह के तरीके सभी वह  काफी कुछ भारतीय पद्धति से चला रहे है. शायद यही वजह है कि ऐसे किसी परंपरागत परिवार में विवाह मे युवा, अधेड़,वृद्ध सभी बॉलीवुड फिल्मो के गाने पर थिरकते नजर आते है.भारत से 1940-50  के दशक से महाराष्ट्र, केरल सहित कोलकता जैसे नगरो से भारतीय मूल के यहूदियो ने यहा बसना शुरू किया, पिछले कुछ समय से कुछ पूर्वोत्तर राज्यों से भी भारतीय मूल के अनेक यहूदी इजरायल मे बसे है. ये लोग भी दोनो देशो के बीच रिश्तो को मजबूत बनाने की अहम कड़ी बने है. बॉलीवुड फिल्मों की तरह भारतीय व्यंजन भी इजरायल मे पिछले कुछ वर्षो से काफी लोकप्रिय हो रहे है, यहे वजह है कि 'थाली,चौबीस रूपये, दोसा बार, इंदिरा, महाराजा जैसे कितने भारतीय व्यंजन वाले रेस्त्रॉ खासे लोकप्रिय है'. साभार - जनसत्ता (लेखिका वीएनआई न्यूज़ की प्रधान संपादिका है)


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