ये छोरियां, छोरों से कम हैं के

By Shobhna Jain | Posted on 15th Mar 2017 | देश
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साक्षी कुमारी (15) ने दिसंबर महीने में अपने परिवार के साथ रोहिणी स्थित एक मल्टीप्लेक्स में आमिर ख़ान की 'दंगल' देखी. अगले दिन उसने झज्झर ज़िले के अपने गांव आसौदा में बच्चों के एक दंगल में नामांकन करा लिया. कक्षा नौ में पढ़ने वाली साक्षी बलाली (भिवानी) गांव की गीता और बबिता की तरह अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता बनना चाहती हैं. आसौदा में ऐसा लक्ष्य रखने वाली साक्षी अकेली लड़की नहीं हैं. उनकी कुश्ती कक्षा में प्रशिक्षण पाने वाली 55 में से ज़्यादातर लड़कियां गीता, बबिता और साक्षी मालिक (पिछले ओलंपिक की पदक विजेता) जैसा बनना चाहती हैं. Read more Article source BBC

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