भारत को यूरेनियम सप्लाई पर आस्ट्रेलिया सरकार की तरफ से कोई बाधा नही, दोनो देशो के बीच मुक्त व्यापार समझौता वार्ता ठप्प नही, इस वर्ष फिर शुरू होगी वार्ता'-आस्ट्रेलियायी उच्चायुक्त सिद्धू

By Shobhna Jain | Posted on 17th Feb 2017 | VNI स्पेशल
altimg
नई दिल्ली,17 फरवरी (वीएनआइ/शोभना जैन/सरोज नागी) भारतीय मूल की आस्ट्रेलियायी उच्चायुक्त हरिंदर संधु ने भारत के साथ आस्ट्रेलिया के रिश्तो को 'भविष्य के रिश्ते' बताया है साथ ही कहा है कि दोनो देशो के बीच काफी लंबे समय से चल रही मुक्त व्यापार समझौता वार्ता ठप्प नही है,मतभेद वाले बिंदुओ को सुलझाया जा रहा है, वार्ता का नया दौर इस वर्ष शुरू होने की उम्मीद है.उम्मीद है वार्ता का सकारात्मक परिणाम निकल सकेंगे. उन्होने परमाणु आपूर्ति ग्रुप-एन एस जी मे भारत की सदस्यता का जोरदार समर्थन करते हुए यह भी कहा है कि आस्ट्रेलिया ने खुलकर इस ग्रुप मे भारत के प्रवेश का स्वागत किया.उन्होने कहा ' दोनो देशो के बीच युरेनियम आपूर्ति समझौता होने के बाद आस्ट्रेलिया की निजी क्षेत्र की कंपनियॉ भारत को शांतिपूर्ण कार्यो केलिये यूरेनियम आपूर्ति किये जानेमे काफी दिलचस्पी दिखा रही है.यह कहना सही नही है कि आपूर्ति शुरू होने मे कुछ रूकावटे है, पूरी व्यवासायिक प्रणाली तय करने मे कुछ समय तो लगता ही है,ऐसे काम तुरत फुरत नही हो पाते है अलबत्ता सरकार ने अपना काम कर दिया है,2016 मे कानून बन चुका है सरकार की तरफ से कोई बाधा नही है.उम्मीद करनी चाहिये यह प्रणाली जल्द ही तय हो जायेगी और निजी क्षेत्र यूरेनियम निर्यात शुरू कर देगा,' यह पूछे जाने पर कि क्या इस वर्ष निर्यात शुरू हो सकता है उन्होने कहा यह काम अब निजी क्षेत्र का है उम्मीद है निजी क्षेत्र अपनी प्रक्रिया जल्द पूरी कर निर्यात शुरू कर सकेगा. भारत मे अपना एक वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुकी सुश्री सिंद्धू ने भारत आस्ट्रेलिया संबंधो के समग्र पहलुओ पर वी एन आई केसाथ एक विशेष इंटरव्यू मे यह विचार व्यक्त किये. उन्होने भारत के साथ आस्ट्रेलिया के संबंधो को 'बहुत खास और अनूठी साझीदारी का मजबूत रिश्ता' बताते हुए दोनो देशो के संबंधो के भावी स्वरूप् पर अपनी सोच परिभाषित करते हुए कहा 'दोनो देश ऐसी समझदारी,संबंध विकसित करे जो कि अनूठा हो जिस पर दुनिया मे चाहे कोई भी बदलाव हो असर नही हो.' सुश्री सिद्धू भारतीय मूल की भारत मे दूसरी आस्ट्रेलियायी उच्चायुक्त है. इससे पूर्व श्री पीटर वर्गीज भारत मे भारतीय मूल के आस्ट्रेलियायी उच्चायुक्त थे जिनके माता पिता केरल से आस्ट्रेलिया बसे थी. अपनी भारतीय जड़ो से गहरी तौर पर जुड़ी सुश्री सिद्धू के माता पिता पंजाब से आट्रेलिया गये थे, अब वे अपने माता पिता और पुरखो के देश मे आस्ट्रेलिया की दूत बन कर लौटी है.पिछले वर्ष अपना कार्यकाल संभालने वाली उच्चायुक्त के अनुसार 'यह वर्ष आपसी संबंधो बढाने मे बहुत महत्वपूर्ण रहा, जिससे पिछले वर्षो मे तैयार सहयोग के ढांचे को और मजबूती मिली.दोनो देशो के बीच संबंध मजबूत बनाने की जो व्यवस्था पहले से मौजूद है इससे उसे और मजबूती मिल रही है.'ब्रेक्सिट मे ब्रिटेन के बाहर जाने और बदलती विश्व व्यवस्था मे भारत आस्ट्रेलिया के संबंधो मे किसी प्रकार के बदलाव की आशंका को साफ तौर पर खारिज करते हुए उच्चायुक्त ने कहा ्दोनो देशो के आपसी रिश्ते एक खास धरातल पर है आस्ट्रेलिया एशिया से ज्यादा करीब है. उन्होने कहा"ब्रिटेनेक एतिहासिक कल् है जबकि भारत हमारा भावी कल है" उन्होने कहा कि आस्ट्रेलिया विश्व के परिदृश्य मे भारत की बढती पैठ का स्वागत करता है.उच्चायुक्त ने कहा कि दोनो देशो के बीच उ्च स्तरीय राजनैतिक संपर्क पिछले वर्ष काफी बढा, अनेक शीर्ष भारतीय नेताओ की पिछले वर्ष आस्ट्रेलिया यात्रा के बाद इस वर्ष अनेक वरिष्ठ आस्ट्रेलियायी मंत्री भारत आयेंगे.कुछ वर्ष पूर्व भारतीय छात्रो पर हुए हमलो के संदर्भ मे उन्होने कहा ' आस्ट्रेलिया दुनिया का सबसे सुरक्षित देश है,वहा एक बात बहुत साफ है कि ऐसे किसी भी प्रकार के हमलो को बर्दाश्त नही किया जायेगा ऐसे अधिकतर हमलो के पीछे आपराधिक वजह थी अलबत्ता कुछ मामले नस्लीय हिंसा से भी जुड़े है.इन घटनाओ के बाद भारतीय छात्रो को भी सुनसान क्षेत्रो की बजाय सुरक्षित क्षेत्रो मे ही जाने की सलाह दिये जाने के साथ पुलिस को भी संवेदनशीलता बरतनेकी सलाह दी गई.' इंटरव्यू मे उन्होने यह भी कहा कि पंरपरागत सहयोग वाले क्षेत्रो के साथ ही अब जल प्रबंधन, पर्यावरण जैसे नये क्षेत्रो मे सहयोग बढाया जा रहा है.उन्होने कहा ' दोनो देशो व्यापार तथा निवेश क्षेत्र मे सहयोग बढा रहे है.व्यापार फिल्हाल आस्ट्रेलिया के पक्ष मे है लेकिन यह बात दोनो ही के पक्ष मे है.भारत का बाजार बहुत बड़ा है. भारत की भी आस्ट्रेलिया के बाजारो पर नजर्है सामरिक विशेष तौर पर नौ सैन्य क्षेत्र मे दोनो देशो के बीच सहयोग बढ रहा है.पिछला वर्ष इस मायने मे बहुत मत्वपूर्ण था, दोनो देश हिंद महसागर रिम मे सहयोग बढा रहे है, ब्लू ईकॉनोमी दोनो देशो की समान दिलच्स्पी है और इस क्षेत्र मे दोनो सहयोग बढा रहे है. आतंकवाद के क्षेत्र मे दोनो देश मिल कर काम कर रहे है. पिछले दिसंबर मे ही इस बारे मे गठित संयुक्त कार्य दल की बैठक मे अनेक महत्व्पूर्ण फैसले लिये गये ताकि आतंकवाद से प्रभावी ढग से निबटा जा सके.' व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते के इतने वर्षो और अनेक दौर की वार्ता के बाद भी समझौते के आसार् नजर नही आने के बारे मे पूछे गये सवाल के जबाव मे उच्चायुक्त ने कहा कि वार्ता ठप्प नही है उन्हे पूरी उम्मीद है कि वार्ता का सकारात्मक परिणाम निकलेगा.इस पर दोनो देश इस बारे मे अपने अपने रूख का जायजा ले रहे है. इस बारे मे काफी काम हुआ है.खाद्य तथा कृषि क्षेत्र सहित टेरिफ के अनेक क्षेत्र है जिन पर असहमति के बिंदु है,जिन्हे धीरे धीरे सुलझाया जा रहा है दोनो के ही हित मे है कि इन्हे सुलझा लिया जाये. उन्होने कहा कि इस वर्ष वार्ता का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है. पिछले एक वर्ष के विभिन्न क्षेत्रो मे उभयपक्षीय सहयोग कार्यक्रम की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि इस दौरान सैन्य,आर्थिक और जनता के बीच संपर्क बढाने के अनेक कार्य दल काफी सक्रिय र्हे. जी २० जैसे अंतराराष्ट्रीय मंचो और जापान के साथ दोनो देशो के त्रिपक्षीय फोरम मे आपसी समझ बूझ से मिल कर काम किया.पिछले वर्ष नौ सैन्य सहयोग बढाने के अनेक महत्वपूर्ण कार्यक्रम हुए,इसी क्रम मे इस वर्ष आस्ट्रेलिया मे दोनो देशो का संयुक्त नौ सैन्य अभ्यास होगा.उन्होने यह भी कहा कि अरूण जेटली,पीयूष गोयल जैसे वरिषठ ने्ता की यात्राओ से व्यापार और निवेश को बल मिला. जल प्रबंधन जैसे नये क्षेत्रो मे आपसी सहयोग बढये जाने की चर्चा करते हुए उन्होने कहा कि जल प्रबंधन के क्षेत्र मे आस्ट्रेलिया विश्व मे चोटी का प्रंबंधक माना जाता है और अब वह अपने इस विशेश्ज्ञता का लाभ दे रहा है. इसी सिलसिले मे राजस्थान् मे आस्ट्रेलिया के सहयोग से राजस्थान मे जल प्रबंधन का आदर्श केन्द्र बनाया जा रहा है. इसी तरह से तमिलनाडु मे भी मत्सय केन्द्र के विकास मे सहयोग दिया जा रहा है. उन्होने कहा कि भारत सरकार ने निवेश के नियमो मे जो ढील दी है और निवेश नियमो को उदार बनाया है उससे व्यापार व निवेश को सकारात्मक गति मिली है. दोनो देशोके बीच पिछले वर्ष 7.7% की दर से व्यापार बढा, दरआसल भारत आस्ट्रेलिया का दसवा सबसे बड़ा व्यापारिक सझीदार है. उन्होने कहा भारत बहुत बड़ा बाजार है और दोनो देशो मे विकास कीगति भी तीव्र है.शिक्षा के क्षेत्र मे भी अब नये क्षेत्रो मे सह्योग का विस्तार हो रहा है, कौशल विकास, विभिन्न शैक्षणिक संस्थानो के साथ गठबंधन इस के उदाहरण है अब आस्ट्रेलिया जाने वाले भारतीय छात्रो के साथ कोलंबो योजना के तहत लगभग1,000 आस्ट्रेलिया छात्र भी भारत अध्यनके ्लिये आ रहे है.वी एन आई

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Thought of the Day:
Posted on 22nd Dec 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india