नई दिल्ली, 20 मई (शोभनाजैन/वीएनआई) सूचना और प्रसारण मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि मीडिया पर अंकुश लगाने के किसी भी प्रयास को दुनिया नामंजूर कर चुकी है और आज के दौर मे तो प्रौद्द्योगिकी के प्रसार की वजह से यह संभव ही नही है. उन्होने कहा " अगर 1975 की तरह 2016 मे आपात काल लागू किया जाता तो प्रौद्योगिकी का प्रसार आज इस कदर है कि प्रदौयोगिकी ही उसे होने ही नही देती. साथ ही सूचना और प्रसारण मंत्री ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए किसी राज्य सरकार द्वारा 'चुनिंदा और अत्यधिक विज्ञापन' जारी करने की प्रवृति पर सवाल खड़े किए और आश्चर्य जताया कि क्या यह राजनीतिक रिश्वत के समान है। उन्होने कहा' चुनिंदा और अत्यधिक विज्ञापन जारी करने की प्रवृति पहली बार देखी जा रही है और अगर ऐसा इस्तेमाल सफल रहता है तो जाहिर है इसे अन्य राज्य भी इसे धीरे धीरे् अपनायेंगे .
उन्होंने कहा कि आज किसी सरकार द्वारा अत्यधिक और चुनिंदा विज्ञापन देने का अधिकार एक ऐसा चलन है जो पहली बार देखा जा रहा है। इसके तहत मित्रों को पुरस्कृत किया जाता है और विरोधियों को दंडित किया जाता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार चुनिंदा और अत्यधिक विज्ञापन की शक्ति का उपयोग किया जा रहा है, तो क्या यह राजनीतिक रिश्वत के समान है?
वित्त मंत्रालय के साथ ही सूचना प्रसारण मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहे श्री जेटली ने हालांकि किसी पार्टी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी ऐसे समय आई है जब भाजपा अरविन्द केजरीवाल नीत दिल्ली सरकार को उसके विज्ञापन बजट को लेकर लगातार निशाना बनाती रही है।
श्री जेटली आज यहा आरएसएस से संबद्ध इंद्रप्रस्थ विश्व संवाद केंद्र द्वारा यहां नारद जयंती पर आयोजित पत्रकार पुरस्कार समारोह 'नारद सम्मान समारोह' मे बोल रहे थे. श्री जेटली
ने कहा कि इस मुद्दे पर बहस की जरूरत है। उन्होंने कहा कि संविधान सभा मे शामिल मीडिया की दो हस्तियां रामनाथ गोयनका और डीबी गुप्ता उसमें ने मीडिया की व्यावसायिक स्वतंत्रता के संरक्षण की आवश्यकता से संबंधित पहलुओं पर जोर दिया था।
इस अवसर पर लाईफ टाईम अचीवमेंट के लिये जाने माने पत्रकार श्याम खोसला को दिया गया जबकि जाने माने पत्रकार मनमोहन शर्मा को उत्कृष्ट पत्रकारिता नारद पुरस्कार से सम्मानित किया गया.स्वर्गीय फोटोग्राफर रवि कनोजिया को उत्कृष्ट फोटोग्राफर पुरस्कार दिया गया. इस अवसर पर मुख्य वक्ता पद से बोलते हुए उत्तर क्षेत्र संघचालक डॉ बजरंग लाल गुप्त ने कहा कि पत्रकारिता सृजनात्मक एवं सकारात्मक होनी चहिये साथ ही उन्होने कहा कि वैचारिक् क्षेत्र मे असप्र्श्यता नही होनी चाहिये. पत्रकारो को जातिगत, संप्रदाय वाद जैसे विषयो को उछालने की बजाय समाज को जोड़ने की पत्रकारिता करनी चाहिये.वी एन आई