न्यूयार्क/नईदिल्ली,28 अप्रैल (अनुपमाजैन/वीएनआई)चीन के अंसतुष्ट उएगर नेता डोलकुन ईसा का वीजा रद्द किये जाने के बाद अब भारत ने चीनी मूल् की असंतुष्ट नेता और थ्यानमन कार्यकर्ता लु जिगुआ का वीजा रद्द कर दिया है. लेकिन इस पूरे मामले मे उठे विवाद के बीच सरकार ने आज कहा कि उसने वीजा नियमो के तहत ही यह कदम उठाये है.समाचारो के अनुसार लु जिगुआ ने बताया कि जब वो न्यूयार्क से भारत के लिए फ्लाइट पकड़ने जा रहीं थीं तो उन्हें बताया गया कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है.
लु जिगुआ धर्माशाला में "निर्वासित व असंतुष्टों" की एक बैठक में हिस्सा लेने आ रहीं थीं. इसी बैठक के लिये चीन के अंसतुष्ट नेता और वर्ल्ड उइगर कांग्रेस के नेता डोल्कन ईसा आ रहे थे. लु फिलहाल अमेरिकी नागरिक हैं और डोल्कन ईसा जर्मनी के नागरिक हैं. सरकार के इन कदमो को लेकर हुई आलोचनाओ के बीच विदेश मंत्रालय केप्रवक्ता ने आज एक सवाल के जबाव मे कहा कि डोलकुन ईसा का वीजा इसलिये रद्द किया गया है क्योंकि उन्हे पर्यटक श्रेणी के तहत यह ई-वीजा दिया गया था उसके तहत वे भारत मे किसी सभा को संबोधित नही कर सकते है लेकिन उन्होने सार्वजनिक तौर पर कहा कि वे भारत मे सभाओ को संबिधित करेंगे जो वीजा नियमो के विरूद्ध है.
वीजा रद्द होने के मामले पर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना हो रही है. कहा गया कि चीन की दवाब में सरकार ने इस कदम को उठाया है.
इससे पूर्व जब ईसा को भारत का वीजा मिला था तो चीन ने कड़ी आपत्ति जताई थी। तब ऐसा माना जा रहा था कि भारत ने यह कदम आतंकी मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र से प्रतिबंधित कराने में चीन के रोड़ा अटकाने के बदले में उठाया था।चीन ने संयुक्त राष्ट्र में जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के भारत के प्रस्ताव पर वीटो दिया था, जिससे पाक मे रह कर भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधिया चलाने वाले अजहर पर संयुक्त राषट्र मे प्रतिबंध नही लग सका। चीन ने ईसा को भारत द्वारा वीजा दिये जाने पर विरोध जताया और कहा था कि ईसा एक आतंकवादी है और उसके खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। इसलिए सभी देशों की जिम्मेदारी है कि उसे कानून के हवाले किया जाए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी आज कहा कि ईसा के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस है. वी एन आई