नई दिल्ली,१ फरवरी (वी एन आई) वित्तमंत्री अरुण जेटली आज आम बजट पेश करने जा रहे हैं. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अरुण जेटली को बजट पेश करने की औपचारिक मंजूरी दे दी.वैसे आज पूर्व विदेश मंत्री ई अहमद के निधन की वजह से कॉग्रेस् सहित विपक्ष के अनेक सदस्यो ने श्री अहमद के सम्मान स्वरूप बजट आज की जगह कल् पेश किये जाने की मॉग की थी लेकिन सरकार ने बजट के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम मे कोई बदलाव नही करने का निश्चय किया है. कई मायनों में यह बजट पहले की तुलना में अलग है. यह पहली बार है जब बजट 1 फरवरी को पेश किया जा रहा है. इससे पहले बजट 28 या 29 फरवरी को पेश होता था. यही नहीं अरुण जेटली का भी यह चौथा बजट है. साथ ही 92 साल में पहली बार रेल बजट अलग से पेश नहीं हो रहा है. इस बार रेल बजट आम बजट का ही हिस्सा है. नोटबंदी के बाद इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. माना जा रहा है कि सरकार इस बजट में मध्य वर्ग को राहत देने के लिए इनकम टैक्स में छूट की मौजूदा सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर तीन लाख रुपये कर सकती है.
साथ ही 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये और नेशनल पेंशन स्कीम के तहत 2 लाख रुपये की छूट की सीमा को बढ़ाकर 2 लाख और 2.5 रुपये करने की उम्मीद की जा रही है. साथ ही होम लोन पर मिलनेवाली छूट भी 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये की जा सकती है. उद्योग जगत पर नोटबंदी की मार को देखते हुए कॉरपोरेट टैक्स में 2 फीसदी की कटौती की उम्मीद है. किसानों को राहत देने के लिए सरकार कृषि योजनाओं की रकम को बढ़ा सकती है. साथ ही रीयल एस्टेट सेक्टर भी इस बजट में रियायतों की बाट जोह रहा है. प्रस्तावित जीएसटी प्रणाली को लागू करने की तैयारी के बीच सरकार सेवा कर को बढ़ाकर 15 से 18 फीसदी कर सकती है, जिससे आम आदमी की जेब और हल्की हो जाएगी.
वित्त मंत्री बजट में किसानों और ग्रामीण भारत के अलावा महिलाओं, सामाजिक सुरक्षा क्षेत्रों मसलन स्वास्थ्य एवं शिक्षा पर विशेष ध्यान देंगे. कृषि के अलावा जेटली घरेलू विनिर्माण तथा स्टार्ट अप्स को प्रोत्साहन के लिए भी योजनाओं की घोषणा करेंगे. कर विशेषज्ञों तथा अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अरुण जेटली प्रस्तावित जीएसटी प्रणाली को लागू करने की तैयारी के बीच सेवा कर की दर को बढ़ा सकते हैं जो इस समय 15 प्रतिशत है.
नोटबंदी की वजह से अर्थ व्यवस्था को लगे झटके को झेल रहे आम आदमी को इस बार बजट से खास उम्मीद है . उसे उम्मीद है कि आय कर छूट की सीमा बढेगी. इसके साथ ही होम लोन पर छूट की सीमा,डिजिटल लेन-देन पर अलग से छूट की उम्मीद भी है साथ ही जी एस टी की वजह से 16-18% सर्विस टैक्स संभव है