नयी दिल्ली 26 जनवरी (वीएनआई ) कडी सुरक्षा व्यवस्था और आतंकवादी खतरों के बावजूद आम जनता के भारी उत्साह के बीच आज राजपथ से ऐतिहासिक लालकिले तक पारंपरिक गणतंत्र दिवस परेड हुई जिसमें इस वर्ष समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति व् उनके देश के सैनिकों ने भी हिस्सा लिया. यह पहला अवसर था जब गणतंत्र दिवस परेड में किसी विदेशी सैन्य दस्ते ने हिस्सा लिया हो और विशिष्ट अतिथियों को सलामी दी परेड में जहां सारी दुनिया में सबसे अधिक विभिन्नता वाले देश भारत को एक सिरे में पिरोने वाली उसकी हर कोने की सांस्कृतिक समृद्धि को दर्शाया, वहीं अत्याधुनिक हथियारों, मिसाइलों, विमानों और भारतीय सैनिकों के दस्तों ने देश के किसी भी चुनौती से निपट सकने की ताकत का एहसास कराया. सुरक्षा कारणों से इस बार गणतंत्र दिवस परेड में 25 मिनट की कटौती की गयी. इसे 115 मिनट की बजाय 90 मिनट का कर दिया गया. परेड शुरू होने से पहले परंपरा के अनुरुप प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया गेट जाकर अमर जवान ज्योति पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले जियाले सैनिकों को सलाम किया. परेड के शुभारंभ के रूप में सेना के चार हेलिकॉप्टरों ने राजपथ के ऊपर से उड़ान भरते हुए गुलाब के फूलों की पंखुडियां बिखेरीं। इन हेलिकॉप्टरों पर देश के तिरंगे के अलावा तीनों सेनाओं के ध्वज लहरा रहे थे। परेड में पहली बार 36 खोजी कुत्तों का दस्ता भी निकला।
परेड में कुल 23 झाकियां थी- पहली बार इलेक्शन कमीशन की भी झांकी नजर आई ।परेड के दौरान राजपथ पर 17 राज्यों की झाकियों ने राजपथ पर अपनी झलक दिखाई।हर राज्य की झांकी ने अपने अलग रंग में दिखी।गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली में गुजरात ने शान गिर अभयारण्य के एशियाई शेरों के विषय पर झांकी प्रदर्शित की । प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल गिर वन्य जीव अभयारण्य की स्थापना का स्वर्ण जयंती है और रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस झांकी के लिए ‘गिर अभयारण्य-एशियाई शेरों’ विषय को अनुमोदित किया था ।जहां जम्मू-कश्मीर की झांकी ने मेरा गांव मेरा जहां ययानी स्वच्छ एवं हरित अभियान प्रचार किया। वहीं राजस्थान की झांकी में जयपुर का मशहूर हवा महल दिखाया गया। मध्य प्रदेश की झांकी में सफेद बाघ को दिखाया गया जिसमे 'जंगल बचाना है बाघ बचाना है' का मैसेज गया दिया परेड के अंत में रोमांच से भर देने वाले वायु सेना के अत्याधुनिक विमानों को राजपथ के ऊपर से हैरतअंगेज कारनामों के साथ उड़ान भरते देख कर उन विमानों की ताकत के साथ ही वायुसेना के पायलटों का हुनर और जांबाज़ी भी दिखी । भारतीय वायुसेना के कुल 27 विमानों ने इस बार फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया। फ्लाई पास्ट की अगुवाई एमआई-17 वी5 हेलिकाप्टरों ने अंग्रेजी वाई की शक्ल में उड़ान भरी। इसके दूसरे चरण के रूप में एमआई 35 के तीन हेलिकॉप्टरों ने चक्र शक्ल में और उसके बाद तीन सी.130 सुपर हर्कुलिस विशाल विमानों ने उड़ान भरी। इसके बाद एक सी.17 और दो सुखोई.30 एमकेआई विमानों ने ग्लोब फार्मेशन में उड़ान भरी। लड़ाकू विमानों की बारी आने पर पांच जगुआर विमानों ने तीर की शक्ल में राजपथ के ऊपर से उड़ान भरी और उसके बाद पांच मिग 29 विमानों ने उसी रूप में उड्डाण भरी ।