फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के बारे में अंतत: सहमति बनी- रणनीतिक साझीदारी की दिशा में एक बड़ा कदम

By Shobhna Jain | Posted on 25th Jan 2016 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली ,25 जनवरी (शोभना जैन/वीएनआई) भारत तथा फ्रांस ने रणनीतिक साझीदारी की दिशा में आज एक बड़ा कदम उठाते हुए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने को लेकर काफी दिनों से लटके पड़े सौदे के बारे में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कर लिए.इस समझौते के बाद दोनों देशो के बीच अब इस सौदे से सम्बद्ध केवल कुछ वित्तीय मामलों के अलावा शेष मुद्दोंपर सहमति बन गयी है. दोनों पक्षों ने उम्मीद जताई है कि वित्तीय मामले पर भी बहुत जल्द ही सहमति बन जाएगी. बाद में विदेश सचिव इस जयशंकर ने संवाददाताओं से बातचीत में उम्मीद जताई कि मामले की तात्कालिकता देखते हुए सौदे से सम्बद्ध वित्तीय पहलुओ का जल्द समाधान कर लिया जाएगा भारत यात्रा पर आये फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद व् प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आज यहाँ हैदराबाद हांउस में हुई अहम शिष्टमंडल स्तर की वार्ता बाद इस सौदे संबंधी सहमति पत्र सहित कुल 14 क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के करार हुए. साथ ही इस वार्ता में दोनों देशो ने आतंकवाबाद से निबटने के बारे में विभिन्न क्षेत्रो में आपसी सहयोग और बढ़ने का भी फैसला किया.ये समझौते कृषि, सिंचाई, स्मार्ट सिटी, रक्षा, रेलवे ट्रैक आदि क्षेत्रों से संबंधित हैं. इन समझौतो के बाद दोनों देशो के तरफ से द्विपक्षीय बयान जारीकिया गया . फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने अपने संबोधन में भारत को एक महान राष्ट्र बताते हुए इसके साथ संबंधों को अहम व गौरवपूर्ण बताया. और कहा की आज के समझौतों से भारत व फ्रांस के रिश्तों की नयी शुरुआत हुई. वार्ता के बाद प्रधान मंत्री ने श्री ओलांद के सम्मान ने एक भोज समारोह का भी आयोजन किया प्रधान मंत्री मोदी ने कहा ' राफेल सौदे को ले कर कुछ वित्तीय मुद्दो को छोड़ कर देशो के बीच अंतर विभागीय सहमति बन गयी है, जल्द ही इन वित्तीय मुद्दो का भी हल हो जाएगा. 'विशेषज्ञों ने राफेल सौदे पर हुई सहमति को दोनों देशो के संबंधो में एक नयी शुरूआत बताया है श्री ओलांद की भारत यात्रा से पूर्व ऐसे संकेत मिल रहे थे कि लंबे समय से अटके पड़े इस सौदे पर इस बार भी बात बनती नहीं बन पाएगी क्योंकि भारत आने से पहले ओलांद ने भी कहा था कि रफाल डील सही ट्रैक पर है लेकिन कुछ तकनीकि पहलुओं पर अभी विचार पडे किया जा रहा है. गौरतलब है की पिछले साल अप्रैल में फ्रांस दौरे पर गए पीएम मोदी ने फ्रांस से 36 रफाल खरीदने की घोषणा की थी परंतु दोनों देशों के बीच कीमतों को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है. इससे पूर्व भारत यात्रा पर कल चंडीगढ़ पहुंचे फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद का आज सुबह राष्ट्रपति भवन में परंपरागत रूप से अगवानी की गयी. इस अवसर पर उन्हें २१ टोपो की सलामी दी गयी, इन्होने सलामी गारद का निरीक्षण किया.इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उनकी अगवानी की. इस मौके पर मंत्री मंडल के अनेक सदस्यों और विदेश सचिव इस जय शंकर सहित शीर्ष सैन्य असैन्य अधिकारी मौजूद थे. इससे पूर्व उन्होने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता बापू की समाधि पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये और एक बिरवा भी रोपा राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद कल राजधानी में आयोजित इस वर्ष की गण तंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे हैदराबाद हाउस में दोनों पक्षों की वार्ता खत्म होने के बाद दोनों नेताओं ने अपने बयान में एक दूसरे को अभिन्न व दीर्घकालिक मित्र व सहयोगी बताया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में फ्रांस के राष्ट्रपति के भारत दौरे का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि फ्रांस भारत का सबसे पुराना सहयोगी रहा है. उन्होंने कहा ' गणतंत्र दिवस पर आपका मुख्य अतिथि के रूप में स्वागत करना हमारे लिए गर्व की बात है. कल हम पांचवी बार फ्रांसीसी नेता का अपने गणतंत्र दिवस पर स्वागत करेंगे.' उन्होंने कहा कि पेरिस व पठानकोट पर हुए आतंकवादी हमला हमारे लिए चुनौती है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के लिए सभी देशों का एकजुट होना आवश्यक है. दोनों देशों के बीच अहम करार के लिए लिए पीमए मोदी ने फ्रांस को बधाई व धन्यवाद दिया. उन्होंने फ्रांसीसी उद्योग जगत का भारत में निवेश के लिए स्वागत किया. फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों की तारीफ की. उन्होंने कहा कि मैं और पीएम मोदी आतंकवाद से मिलकर लड़ने के लिए संकल्पित हैं. उन्होंने आतंकी संगठन आइएसआइएस के खतरों पर जोर दिया व साइबर सुरक्षा को अपने सुरक्षा तंत्र के माध्यम से बढ़ाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि हम पिछले कुछ महीनों से 36 राफेल करार पर वार्ता कर रहे थे और यह मामला परिणति तक पहुंचा. उन्होंने भारत को एक महान राष्ट्र बताया. उन्होंने कहा कि फ्रांस भारत के मेक इन इंडिया पर विश्वास करता है और हम इसमें अपना योगदान देंगे. राष्ट्रपति भवन में भी फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ मिल कर लड़ने का संकल्प दोहराया था. उन्होंने कहा था कि हमने आइएसआइएस को पूरी तरह खत्म करने का संकल्प लिया है और उसकी धमकियों से हम डरने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि

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