नई दिल्ली 24 फरवरी (वीएनआई)आज राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुए संसद सत्र का दूसरा दिन है लोकसभा में आज सरकार विवादास्पद भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के स्थान पर भूमि विधेयक पेश कर सकर्ती है.यह विधेयक पिछले वर्ष दिसंबर में सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा,.अध्यादेश के जरिए यूपीए सरकार द्वारा साल 2013 में पारित किए गए पहले के विधेयक में बदलाव किए गए थे.
कांग्रेस, टीएमसी और आप समेत कई विरोधी दल भूमि अधिग्रहण अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं. राज्यसभा में विपक्ष के सहयोग के बिना अध्य़ादेश का पास होना नामुमकिन सा नज़र आ रहा है. सरकार को इस बिल को पास करवाने के लिये एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना होगा .
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ टीएमसी ने भी मोर्चा खोल दिया है. टीएमसी के सांसद आज संसद के प्रवेश द्वार पर प्रदर्शन करेंगे. भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में समाजसेवी अन्ना हजारे का धरना आज भी जारी रहेगा. अन्ना अपने समर्थकों के साथ कल से ही दिल्ली के जंतर मंतर पर दो दिनों के धरने पर बैठे हैं.कई विपक्षी दलों के साथ ही अन्य संगठनों ने भी अन्ना के आंदोलन का समर्थन किया है, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया आज इसी मुद्दे पर अन्ना हजारे के साथ दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने में शामिल होंगे.
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई. जिसमें अमित शाह समेत कैबिनेट के कई वरिष्ठ मंत्री बैठक में शामिल हुए.भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को लेकर देश के किसानों ने भी गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की है. राजनाथ सिंह ने किसानों के हितों की रक्षा के भरोसे के साथ-साथ राष्ट्रीय भूमि सुधार परिषद का फिर से गठन करने का भी वादा किया है.
भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पर मचे हंगामे को लेकर संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि सरकार इसे लेकर विपक्षी दलों से आम सहमति बनाने की कोशिश कर रही है.
भूमि अधिग्रहण के साथ साथ आज सरकार राज्यसभा में तीन बिल (कोयला खान विशेष उपबंध विधेयक 2014, मोटर यान संसोधन विधेयक 2014 और इन्शोरेंस लॉ अमेंडमेंट बिल 2008 ) वापस भी लेगी. .
बजट सत्र के दौरान मोदी सरकार के सामने बहुत सारी चुनौतियां भी हैं, सरकार को इसी सत्र में अपने 6 अध्यादेशों को पास कराना है जिनका पास होना ना होना विपक्ष पर भी निर्भर करेगा.
मोदी सरकार के पहले पूर्ण बजट मे भूमि अधिग्रहण, बीमा, कोयला, लोकपाल और लोकायुक्त समेत तमाम जरूरी अध्यादेशों पर मुहर लगवानी है. पांच अप्रैल तक अगर अध्यादेशों ने कानून की शक्ल नहीं ली तो मोदी सरकार ्सवालों के घेरे मे आ सकती है है