नई दिल्ली 1 अप्रैल (शोभना जैन,वीएनआई) भारी गोलीबारी के बीच घोर अंधेरे मे एक दूसरे का हा्थ थामे यमन के अदन बंदरगाह से वहा फंसे 348 भारतीयो को भारतीय नौ सेना के जांबाज बहादुरो द्वारा सकुशल निकाले जाने के बाद भारतीय नौ सेना का जंगी जहाज आई एन एस जलपोत सुमित्रा आज दोपहर तक पड़ोसी देश जिबूती पहुंच जायेगा, जहा से इन्हे वायु मार्ग से स्वदेश लाने के इंतजाम किये गये है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने आज ट्वीट कर यह जानकारी देते हुए कहा कि आई एन एस जलपोत सुमित्रा कल रात उपद्र्वग्रस्त क्षेत्र से 348भारतीयो को खैरियत् से निकाल कर अब जिबूती की तरफ बढ रहा है जिसके आज दोपहर तक जिबूती पहुंचने की उम्मीद है. विदेश राज्य मंत्री जनरल वी के सिंह यमन मे फंसे लगभग 4000 भारतीयो को वहा से सुरक्षित निकालने के ‘ऑपरेशन राहत’अभियान की देखरेख के लिये कल से जिबूती मे डेरा डाले हुए है.
इससे पहले भारत को देर रात अदन से करीब 400 भारतीयों को निकालने के लिए अदन बंदरगाह पर अपना जहाज खडा करने की मंजूरी मिल गयी थी.आई एन एस सुमित्रा कल रात अदन बंदरगाह पहुंचा था सरकार ने संघर्ष प्रभावित यमन में फंसे 4000 से अधिक भारतीयों को निकालने के लिए व्यापक हवाई और समुद्री अभियान छेडा है. सूत्रो के अनुसार कल रात अदन बंदरगाह के आस पास हो रही भारी गोली बारी के बीच घोर अंधेरे मे इस \'मानवीय अभियान\' को सफलतापूर्वक पूरा किया गया.प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने इस राष्ट्रीय अभियान मे अपने देश वासियो को वहा से वायु तथा जल मार्ग से सुरक्षित वापस लाने निकालने के बारे मे व्यापक प्रंबंध किये है उन्होने कहा कि भारतीयो को संघर्ष रत क्षेत्र से जल्द सुरक्षित वापस निकालने मे हर संभव प्रयास किये जा रहे है.
दो यात्री जहाजों के अलावा दो युद्धपोतों को सेवा में इस अभियान मे लगाया गया है,वहीं भारतीय वायु सेना ने दो सी-17 ग्लोबमास्टर परिवहन विमान को किसी भी स्थिति के लिए तैयार रखा है. एयर इंडिया ने यमन की राजधानी सना से भारतीयों को जिबूती पहुंचाने के लिए मस्कट में 180 सीट वाले दो एयरबस ए320 विमानों को तैयार रखा है.प्रवक्ता के अनुसार संबंधित अधिकारियों की मंजूरी मिलते ही इस दिशा में भारतीयो को स्वदेश लाने के लिये कदम उठाया जाएगा. आईएनएस सुमित्रा के अलावा भारतीय नौसेना के दो जंगी जहाज़ आईएनएस \'मुंबई\'और आईएनएस \'तरकश भी यमन पहुंच रहे है। कवारती और कोरल नाम के दो व्यापारी जहाज भी रवाना किए गए हैं. चारों जहाज दो अप्रैल को अरब सागर में मिलेंगे और एक साथ जिबूती की तरफ बढेंगे.गौरतलब है कि इस हालात मे भारतीयो को लेकर भारत की चिंताओ को हुए साझा करते हुए सउदी अरब ने भी भारत को आश्वासन दिया है कि वह यमन में भारतीयों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान देंगा और उन्हें वहा से जल्दी तथा सुरक्षित निकालने में हर संभव सहयोग करेंगा. वहा फंसे भारतीयो को निकालने की बाबत प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दिन पूर्व सउदी अरब के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सउद को टेलीफोन कर भारतीयो को निकालने मे सउदी अरब का सहयोग मांगा था. दोनों देशों के बीच ‘मजबूत और घनिष्ठ’ संबंधों को याद करते हुए सउदी शाह ने प्रधान मंत्री मोदी को आश्वासन दिया कि वह यमन में भारतीयों की सुरक्षा पर पूरा ध्यान देंगे और उन्हें जल्दी तथा सुरक्षित निकालने में हर संभव सहयोग करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री ने यमन में फंसे करीब 4,000 भारतीयों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर अपनी गंभीर चिंता से उन्हें अवगत कराया. सूत्रो के अनुसार यमन मे फंसे भारतीयो मे बड़ी तादाद मे भारतीय नर्से है जो वहा विभिन्न अस्पतालो मे काम करती है.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी घट्नाक्रम पर लगातार नजर रखे हुए है . उन की अध्यक्षता मे इस अभियान के व्यापक प्रंबंधो की निरंतर समीक्षा की जा रही है जिसमे प्रधान मंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय, वायु सेना, नौ सेना, एयर इंडिया सहित अभियान से जुड़े विभिन्न विभागो के शीर्ष अधिकारी शामिल हो रहे है .प्रवक्ता के अनुसार जिबूती में भारत ने अपने पांच वरिष्ठ राजनयिकों को इस अभियान मे हाथ बंटाने वहा भेजा है.मंत्रालय ने भारतीयो की मदद के लिये एक कंट्रोल रूम् भी स्थापित किया है.भारत ने उक्त अभियान के तहत अपने कुल पांच जहाजों और चार विमानों को तैनात किया है.
सूत्रों के अनुसार भारत इस क्षेत्र के अनेक देशो नेताओं के भी संपर्क में है और कठिन हालात में उनसे भी मदद मांगी जाएगी। वायु मार्ग से भी परसो हिंसा ग्रस्त यमन में फंसे भारतीयों का एक जत्था स्वदेश लाया गया था