नोयडा,30 दिसंबर (सुनीलकुमार/वीएनआई)उत्तर् प्रदेश के मुख्यमंत्रियो के 'नोएडा के दौरे से बचने' का सिलसिला बदस्तूर कायम है.ऐसी संभावना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कल नोएडा आगमन पर उनकी अगवानी के लिये मौजूद नही रहेंगे और मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में प्रधान मंत्री की अगवानी कोई अन्य मंत्री करेगा। .प्रधान मंत्री का कल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस हायवे के शिलान्यास के लिये नोयडा जाने का कार्यक्रम है
कहा जाता कि प्रदेश का जो भी मुख्यमंत्री नोएडा जाता है, अगली बार वह कुर्सी पर नहीं रहता। यह मिथक तोड़ने के लिए हालांकि प्रदेश के कई मुख्यमंत्री नोएडा गए और दुर्भाग्यवश उन्हें या तो बीच में ही कुर्सी गंवानी पड़ गई या अगली बार उनकी सरकार नहीं आई। इसलिए मुख्यमंत्री वहां जाने से बचते हैं। वहां के कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री नहीं जाते। कई बार देखा गया है कि मुख्यमंत्री ने नोएडा जाने के बजाए नोएडा की योजनाओं और परियोजनाओं का शिलान्यास व उद्घाटन लखनऊ स्थित अपने सरकारी आवास पांच कालिदास मार्ग से किया है। एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन तो उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया था। कुछ हुआ भी ऐसा कि प्रदेश के ततकालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर से 1988 मे ऐसा घटना शुरू हुआ जबकि नोयडा दौरे के कुछ दिनो के भीतर उन्हे अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी, उसके बाद सर्व श्री नारायण दत्त तिवारी, कल्याण सि्ह, मुलायम् सिंह और सुश्री मायावती भी नोयडा के दौरे के चंद दिनो के बाद मुखय मंत्री नही रही श्री अखिलेश यादव ने अगस्त 2012 मे यमुना एक्स्प्रेस हायवे का उद्घाटन लखनउ से ही किया.अगले वर्ष भी उन्होने् नोयडा की एक परियोजना के उदघाटन लखनउ से ही किया.वी एन आई