भारत श्रीलंका संबंधो को नयी दिशा देने के लिये तत्पर

By Shobhna Jain | Posted on 12th Mar 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्‍ली 16 फरवरी (शोभना जैन,वीएनआई) भारत श्रीलंका के शिखर नेताओ के बीच आज यहा होने वाली वार्ता से पूर्व भारत ने आज कहा कि दोनो देश संबंधो को नयी दिशा देने के लिये तत्पर है. भारत दौरे पर आये श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आज मुलाकात करेंगे और विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दो के साथ, विभिन्न क्षेत्रो मेआपसी सहयोग बढाने सहित भारत आये श्रीलंकाई शरणार्थियो के स्वैछिक स्वदेश वापसी व शांति तथा सुलह प्रक्रिया समेत अनेक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। ऐसे संकेत है कि इस दौरान दोनो देशो के बीच कृषि, निवेश तथा संस्कृति क्षेत्र सहित उभयपक्षीय सहयोग के कई समझौते भी होंगे.गत माह चुनाव के बाद राष्ट्रपति बनने पर श्री सिरीसेना भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में ‘नई शुरुआत’ के एजेंडा के तहत कल भारत के चार दिवसीय दौरे पर पहुंचे । पिछले महीने पदभार संभालने के बाद उन्होने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिये भारत को चुना है, जिसे दोनो देशो के संबंधो के लिये अच्छा संकेत माना जा रहा है। विभिन्न करणो के चलते पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध ्प्राभावित हुए थे. आज की वार्ता से पूर्व विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अक्बरूदीन ने ेक ट्वीट कर कहा कि दोनो देश संबंधो को नयी दिशा देने के लिये तत्पर है. दोनो देशो के बीच आ रही रिशतो की इसी गर्माहट मे श्री मोदी के भी अगले माह श्री ळंका यात्रा करने की संभावना है. पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के 10 साल के शासन को नौ जनवरी को हुए राष्ट्रपति चुनाव में खत्म करने वाले सिरीसेना द्विपक्षीय संबंध के ्तमाम पहलुओं पर आज भारतीय नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे। इन मुद्दों में सहयोग के साथ साथ श्रीलंका में शांति और सुलह प्रक्रिया को और आगे बढ़ाना शामिल है। सूत्रो मुताबिक कथित युद्ध अपराधों को लेकर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संस्था में अमेरिका समर्थित प्रस्ताव का भारत द्वारा समर्थन किए जाने के चलते राजपक्षे के कार्यकाल के दौरान द्विपक्षीय संबंध प्रभावित होने के बाद नई दिल्ली-कोलंबो के बीच एक नई शुरुआत करने के लिए श्रीलंकाई राष्ट्रपति इच्छुक हैं। श्री युत सिरीसेना प्रधान्मंत्री के अलावा आज वित्त, रक्षा, रेलवे सहित अन्य मंत्रियो से भी उभय प्क़्शीय सहयोग बढाने पर चर्चा करेंगे. इससे पूर्व आज सुबह राष्ट्रपतिभवन मे उनकी पारंपरिक स्वागत किया गया, इस मऔके पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी,के अलावा, प्रधान मंत्री मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विदेश सचिव डॉ एस, जयशंकर भी मौजुद थे, बाद मे विदेश मंत्री स्वराज ने उनसे अलग से मुलाकात की. आज दोपहर उनकी प्रधान मंत्री के साथ शिष्टम्ंडल स्तर की वार्ता करेंगे. श्रीलंकाई सरकार के प्रवक्ता और मंत्री लक्ष्मण किरीएला ने कोलंबो में कहा कि हम भारत के साथ एक नयी शुरूआत करेंगे। सिरीसेना पहले ही संकेत दे चुके थे कि वह भारत के साथ एक करीबी संबंध चाहते हैं और अपनी प्रथम विदेश यात्रा के लिए इस देश को चुनेंगे। श्रीलंकाई राष्ट्रपति के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ वार्ता के दौरान सभी बड़े मुद्दों पर चर्चा किए जाने की संभावना है जैसे कि तमिल समुदाय को शक्तियों का हस्तांतरण और भारतीय मछुआरे की समस्या का स्थायी मुद्दा शामिल है। भारत को उम्मीद है कि श्रीलंका की नई सरकार वास्तविक और प्रभावी सुलह पर संबंध विकसित करेगी, वहां सभी तबकों के बीच सौहार्द बनाएगी। भारत का पक्ष है कि श्रीलंकाई संविधान के लिए 13वें संशोधन को लागू किया जाये .आज रात सिरीसेना राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे जो उनके सम्मान में एक भोज देंगे। सिरीसेना एक शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें विदेश मंत्री मंगला समरवीरा, स्वास्थ्य मंत्री रजीता सेनारत्ने, पुनर्वास मंत्री डीएम स्वामीनाथन, बिजली एवं उर्जा मंत्री चंपिका रनवाका और न्याय मंत्री विजयदासा राजपक्षे शामिल हैं। । स्वदेश वापसी से एक दिन पहले श्रीलंकाई राष्ट्रपति 17 फरवरी को बौद्ध धर्मस्थल बोधगया और तिरुपति मंदिर भी जाएंगे। राष्ट्रपति की यात्रा के संबंध में नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देश समझौतों और रूपरेखाओं की घोषणा के संबंध में व्यापक बातचीत की उम्मीद कर रहे हैं. वीएनआई

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