हिंद महासागर क्षेत्र के साथ संबंध मजबूत बनाना भारत के लिये अंत्यंत महत्‍वपूर्ण - मोदी आज से क्षेत्र के तीन देशो की यात्रा पर

By Shobhna Jain | Posted on 12th Mar 2015 | VNI स्पेशल
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नई दिल्ली 10 मार्च (शोभना जैन,वीएनआई) प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी हिन्द महासागर क्षेत्र के अपने \'मित्र पड़ोसी देशो\' के साथ और आपसी भरोसे के रिश्तों को मजबूत बनाने, रणनीतिक, आर्थिक संबंध और प्रगाढ करने और इन देशो की जनता के साथ आपसी नाते औ्र्र्र्र्र मजबूत करने के एजेंडा के साथ आज इस क्षेत्र के तीन महत्वपूर्ण पड़ोसी देशो सेशेल्स, मॉरीशस एवं श्रीलंका की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हों गये. रवाना होने से पूर्व प्रधान मंत्री ने कहा \'भारत इस क्षेत्र के साथ संबंध मजबूत बनाने को सर्वोच्‍च महत्‍व प्रदान करता है, जो उसकी सुरक्षा और प्रगति के लिए आवश्‍यक है.मुझे यकीन है कि हमेशा से महत्‍वपूर्ण रहे हिंद महासागर क्षेत्र में स्थित इन तीनों देशों की मेरी यात्रा से उनके सा‍थ हमारे संबंधों को नया बल मिलेगा।\' रवाना होने से पूर्व उन्होने एक वक्तव्य मे कहा कि सेशल्‍स,मॉरिशस और श्रीलंका की अपनी यात्रा का वे बहुत बेसब्री से इंतजार कर रहे है। इनमें से प्रत्‍येक देश के साथ भारत् के मजबूत, बहुआयामी और महत्‍वपूर्ण संबंध हैं और वे सभी हमारी विदेश नीति में महत्‍वपूर्ण स्‍थान रखते हैं। हिंद महासागर से सटे इन तीनों देशों की उनकी यह यात्रा निकटवर्ती और विस्‍तृत पड़ोसियों से संबद्ध भारत की विदेश नीति की प्राथमिकताओं को परिलक्षित करती है। प्रधानमंत्री की इस यात्रा को \'भौगोलीय, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक नजदीकीयो वाले पुराने दोस्तो\'के साथ समुद्रीय आर्थिक संबंध बढाने, समुद्रीय सुरक्षा संबंध बढाने, जलवायु परिवर्तन, हाइड्रोकार्बन, अक्षय ऊर्जा एवं समुद्री खनिजों के दोहन जैसे क्षेत्रो सहित इन देशो को विकास सहायता और इनके साथ सहयोग कार्यक्रम जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा के साथ साथ इस क्षेत्र के बदलते अंतरराष्ट्रीय परिपेक्ष्य मे इन देशो के साथ आपसी समझ बूझ बढाने की दिशा मे भारत की एक अहम पहल माना जा रहा है.इस यात्रा के पहले पड़ाव मे प्रधान मंत्री आज देर रात सेशल्स पहुंचेंगे. बयान मे प्रधान मंत्री ने कहा \'मेरा पहला पड़ाव सेशल्‍स होगा। सेशल्‍स के साथ भारत के रिश्‍ते आपसी विश्‍वास और साझा मूल्‍यों की बुनियाद पर टिके हैं। इस देश की मेरी यात्रा 1981 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली सेशल्‍स यात्रा होगी। मैं राष्‍ट्रपति जेम्‍स माइकल से मुलाकात करने का बेताबी से इंतजार कर रहा हूं, जो भारत के महान मित्र हैं।\' बयान मे अपनी यात्रा के दूसरे पड़ाव, मॉरीशस की चर्चा करते हुए उन्होने कहा \'11-12 मार्च को मेरा प्रवास मॉरिशस में होगा। मैं 12 मार्च को मॉरिशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह के अवसर पर मुख्‍य अतिथि के रूप में निमंत्रण पाकर खुद को बहुत सम्‍मानित महसूस कर रहा हूं, क्‍योंकि यह दिन सभी भारतवासियों के बहुत खास है। सन् 1930 में इसी दिन महात्‍मा गांधी ने दांडी यात्रा शुरू की थी। मॉरिशस की मेरी यात्रा का लक्ष्‍य ‘छोटा भारत’ के साथ प्राचीन सभ्‍यता से चले आ रहे हमारे संबंधों को प्रगाढ़ बनाना है। उन्होने कहा\'मुझे मॉरिशस की नेशनल असेम्‍बली को संबोधित करने का निमंत्रण पाप्‍त करने का सम्‍मान प्राप्‍त हुआ है। मैं भारत में निर्मित अपतटीय गश्‍ती पोत बाराकुडा की ज्‍वाइंट कमिशनिंग और विश्‍व हिंदी सचिवालय की इमारत के निर्माण कार्य के प्रारम्‍भ के अवसर पर मौजूद रहूंगा। प्रधानमंत्री ने कहा \'हमारी रणनीतिक भागीदारी को मजबूत बनाने के तरीकों के बारे में प्रधानमंत्री सर अनिरुद्ध जगन्‍नाथ के साथ चर्चा करने का मैं इंतजार कर रहा हूं। मैं मॉरिशस के पूरे राजनीतिक नेतृत्‍व के साथ मुलाकात करने की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जिसने इन संबंधों को उदारतापूर्वक समर्थन दिया है। \' यात्रा के तीसरे व अंतिम पड़ाव की चर्चा करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा \'श्रीलंका की मेरी यात्रा, 1987 के बाद पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री की श्रीलंका यात्रा है। राष्‍ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना की पिछले महीने की भारत यात्रा के बाद महीने भर के भीतर यह हमारा दूसरा समिट है।इस यात्रा को मैं हमारे संबंधों को – राजनीतिक, रणनीतिक, आर्थिक, सांस्‍कृतिक और सबसे बढ़कर जनता के बीच आपसी संपर्क को और प्रगाढ़ बनाने के अवसर के रूप में देख रहा हूं। उन्होने कहा \'य़ह यात्रा पड़ोसी देशों के साथ निरंतर सम्‍पर्क बनाए रखने के मेरे उद्देश्‍य का अंग भी है। मैं अपने सबसे ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण पड़ोसियों में से एक की यात्रा का अवसर पाकर प्रसन्‍न हूं। मैं राष्‍ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के साथ आपसी संबंधों के बारे में चर्चा करने की प्रतीक्षा कर रहा हूं। मैं श्रीलंका के अन्‍य राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात की प्रतीक्षा कर रहा हूं। हम दोनों देशों के बीच नई भागीदारी कायम करने की दिशा में मिलकर कार्य करेंगे।\' इस दौरान श्री लंका की संसद मे अपने प्रस्तावित भाषण की चर्चा करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा \'श्रीलंका की संसद को संबोधित करने का आमंत्रण प्राप्‍त करके मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। मेरे कार्यक्रम में हमारे कालातीत संबंधों के कुछ बहुत महत्‍वपूर्ण प्रतीक शामिल हैं।\' उन्होने कहा \'मैं कोलम्‍बो में महाबोधि सोसायटी जाऊंगा और अनुराधापुरा, तलइमन्‍नार एवं जाफना की यात्रा करूंगा और समाज के विभिन्‍न वर्गों के साथ संपर्क करूंगा। मैं जाफना में जाफना सांस्‍कृतिक केंद्र की आधारशिला रखूंगा, जो ऐतिहासिक जाफना पब्लिक लाइ्ब्रेरी के समीप है। \' प्रधान मंत्री ने विश्वास व्यक्त् किया कि कि हमेशा से महत्‍वपूर्ण रहे इस क्षेत्र –जिसे हम हिंदमहासागर कहते हैं, में स्थित इन तीनों देशों की उनकी यात्रा से उनके सा‍थ हमारे संबंधों को नया बल मिलेगा। विदेश सचिव सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने मोदी की इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए तीनों देशों के साथ संबंधों में सुरक्षा पहलुओं को रेखांकित करते हुए कहा था कि तीनों महासागरीय अर्थव्यवस्था वाले देशों के साथ विशिष्ट आर्थिक प्रक्षेत्र (ईईजेड) सहित विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग की नई संभावनाओं पर भी काम किया जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में भारत की ओर से आर्थिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ी है। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण वैश्विक व्यापार मार्ग पर स्थित सेशेल्स को चीन और अमेरिका दोनो ही अपने प्रभाव क्षेत्र मे लेने के लिये सभी दांव अपना रहे हैं चीन हिन्दमहासागर मे अपनी पैठ मज़बूत करने के इरादे से भी सेशेल्स के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों को मज़बूत कर रहा है, उसे आर्थिक सहयोग दे रहा है ऐसे मे इस क्षेत्र मे भारतीय हितों के मद्देनज़र प्रधानमंत्री का यह दौरा बेहद अहम है.विदेश सचिव सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने मंत्रालय मे सचिव नवतेज सरना के साथ तीनों देशों के साथ संबंधों में सुरक्षा पहलुओं को रेखांकित करते हुएकहा कि तीनों महासागरीय अर्थव्यवस्था वाले देशों के साथ विशिष्ट आर्थिक प्रक्षेत्र (ईईजेड) सहित विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक सहयोग की नई संभावनाओं पर भी काम किया जाएगा। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में भारत की ओर से आर्थिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियां बढ़ी है। । जानकार सूत्रो के अनुसार प्रधान मंत्री की सेशल्स यात्रा से आर्थिक रिशतो को तो बल मिलेगा ही, साथ ही समुद्रीय सुरक्षा के नजरिये से भी यह बहुत अहम है. सेशेल्स के पास 13 लाख वर्गमीटर और मॉरीशस में 23 लाख वर्गमीटर ईईजेड है। विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) नवतेज सरना ने बताया कि प्रधानमंत्री सेशेल्स की राजधानी माहे में भारत की मदद से लगाये गये एक अपतटीय राडार टोही प्रणाली का उद्घाटन करेंगे तथा मॉरीशस में भारत द्वारा प्रदान किये गये एक समुद्री गश्ती जहाज का जलावतरण करेंगे। उन्होंने बताया कि ये दोनो बातें भारत एवं इन देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग का हिस्सा होगीं। प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज़ 115 द्वीपों वाले मात्र 90,000 की आबादी वाले सेशल्स गणराज्य के साथ भारत के रिश्तों का सामरिक हितो के नज़रिये से विशेष महत्व है इस आबादी मे 7 प्रतिशत हिस्सा भारतवंशियो का है. 34 साल बाद हो रही भारतीय प्रधानमंत्री की ये यात्रा दोनो देशों के रिश्तों को नई परिभाषा देने की दिशा मे अहम है हिन्दमहासागर मे स्थित सेशल्स न केवल भारत् का समुद्री पड़ोसी हैं बल्कि पारंपरिक, आर्थिक,सामाजिक और सांस्कृतिक संबंधों मे भी बंधे हैं.भारत न केवल सेशेल्स के विकास मे वित्तीय सहयोग कर रहा है बल्कि कई विकास के कार्यों के ज़रिये भी स्वास्थ्य, रक्षा पर्यटन, विज्ञान तकनीक और आईटी के क्षेत्र मे सहयोग कर रहा है. प्रधान मंत्री कल वहा के राष्ट्रपति एलिक्स मिशेल के साथ \'द्विपक्षीय संबंधो \'को और मजबूत बनाने के साथ सेशल्स को विकास मे सहयोग बढाने पर विशेष चर्चा करेंगे.प्रधान मंत्री कल कोस्टल रड़ार सर्वेलेन्स प्रणाली को सेशल्स को समर्पित करेंगे, जो कि सेशल्स की समुद्री सुरक्षा के लिये बहुत अहम है, गौरतलब है कि वर्ष 1981 मे तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमति इंदिरा गांधी के बाद किसी भी भारतीय प्रधान मंत्री ने सेशल्स की यात्रा नही की भारत मे सेशेल्स के ढांचागत विकास मे कई तरह की मदद की है और वहां की सरकार के आग्र्ह पर ४ करोड़ रुपये की लागत से सूचना तीकनीक केंद्र भी खोला है , हालांकि आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्र मे सहयोग अभी कम है पर संभावनायें बहुत हैं. जानकारो के अनुसार भारत सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत भी निवेश की काफी संभावनाये है, खास कर ऊर्जा तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र मे अभी लगभग ७० मिलियन यू एस डॉलर का भारत से निर्यात हो रहा है लेकिन भारत की निजी कंपनियां भी वहां निवेश कर रही हैं जैसे भारती एयरटेल टाटा इत्यादि लेकिन आपसी रिश्तों मे सबसे अहम है सैन्य और् सुरक्षा संबंध, सेशेल्स की अर्थव्यवस्था पर्यटन और मछली पालन पर आधारित है जो समुद्री खतरों से प्रभावित होती है और भारत सेशेल्स को समुद्री डाकुयों से लड़ने मे विशेष सहयोग दे रहा है समुद्री क्षेत्र मे खतरों से निबटने के लिये भारत ने तेज़ हमला करने वाले आई एन एस पोत सेशेल्स सरकार को तोहफे मे दिये है. प्रधान मंत्री के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत दोवाल और विदेश सचिव एस.जयशंकर सहित वरिष्ठ अधिकारियो का एक शिष्ट्मंडल भी साथ गया है. वक्त वक्त पर भारत समुद्री निगरानी अभियान हाईड्रोग्राफिक सर्वे के अलावा सेशेल्स पीपल डिफेंस फोर्सिस की ट्रेनिंग मे भी सहायता देता रहता है 11 मार्च को सेशेल्स मे प्रधानमंत्री राष्ट्रपति जेम्स मिशेल के साथ समुद्री संबंध मज़बूत करने और द्वीपक्षीय सहयोग बढाने के लिये वार्ता करेंंगे.वी एन आई

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