ओटावा 20 अक्टूबर (वीएनआई) कनाडा में इस बार नौ साल शासन कर चुकी कनज़रवेटिव पार्टी जो कि 2006 से सत्ता मे थी, की बजाय विपक्षी लिबरल पार्टी ने संसदीय चुनाव जीत लिया है और इसी के तहत लिबरल पार्टी के युवा लीडर जस्टिन त्रुदो कनाडा के नए प्रधानमंत्री बन सकते हैं। 338 सदस्यों वाली संसद के लिए सोमवार को हुई वोटिंग में उनकी पार्टी को जबरदस्त बढ़त मिली है। जस्टिन 43 साल के हैं और पूर्व प्रधानमंत्री पियरे इलियट त्रुदो के बेटे हैं। निवर्तमान प्रधानमंत्री स्टीफ़न हॉर्पर ने हार स्वीकार कर ली है मतदान ख़त्म होने के बाद उन्होंने बताया कि वो ट्रूडेवू को यह कहते हुए बधाई दे चुके थे कि कंजरवेटिव पार्टी बिना झिझक चुनाव परिणाम स्वीकार करेगी. हार्पर चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की रेस में शामिल थे। हालांकि हार्पर ने अपनी हार मानते हुए पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन उन्होंने अपने भविष्य की योजना के बारे में अभी कुछ नहीं बताया है।
कनाडा के एक प्रमुख अखबार के अनुसार लिबरल पार्टी ने इस चुनाव में अब तक 184 सीटों के साथ जीत हासिल की है। वहीं, कंजर्वेटिव्स की सीटें 159 से घटकर इस बार 99 पर पहुंच गईं। गौरतलब है कि कि 338 सदस्यों वाली संसद में सरकार बनाने के लिए 170 सीट हासिल करना जरूरी है। हालांकि, वोट की काउंटिंग का दौर अभी जारी है वहीं, तीसरी अहम पार्टी के तौर पर एन डी पी यानि न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी उभरी है और उसे 44 सीटे मिली हैं।
उल्लेखनीय है कि चुनाव से पहले हुए सर्वेक्षण में भी बताया गया था कि इस बार लिबरल पार्टी को विजय प्राप्त हो सकती है । 15 से 17 अक्टूबर तक किए गए जनमत सर्वेक्षण में कंजर्वेटिव पार्टी को 30.5 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई थी। जबकि लिबरल पार्टी को उनसे सात फीसदी ज्यादा यानी 37.5 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना जताई गई थी।
भारतवासियों के लिये एक दिल्चस्प बात यह है कि कनाडा की तीन मुख्य पार्टियों ने 40 भारतीय मूल के उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। इनके अलावा भारतीय मूल के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप में भी लड़ रहे हैं। करीब 10 चुनाव क्षेत्रों में भारतवंशी उम्मीदवारों के बीच सीधी टक्कर है। इन क्षेत्रों में क्षेत्रों में ब्रैंप्टन, सरे, कैलगरी और एडमांटन शामिल हैं। यहां भारतीय मूल के लोग ही ज्यादा रहते हैं।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि कनाडा के चुनाव में इस बार पंजाबियों ने भी दांव लगाए हैं। करीब 40 उम्मीदवार पंजाबी मूल के हैं। सबसे ज्यादा 22 पंजाबी मूल के उम्मीदवारों को टिकट देने वाली लिबरल पार्टी इस समय सबसे आगे निकल रही है। इसकी बढ़त से पंजाबी उम्मीदवारों की जीत का आंकड़ा भी बढ़ेगा और वे कनाडा में लिबरल सरकार को बनाने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।