नासिक, 8 अप्रैल (अनुपमाजैन/वीएनआई) महाराष्ट्र के भीषण सूखे से नासिक का पवित्र रामकुंड सरोवर भी बच नही बच पया , इस पवित्र सरोवर मे जहा श्रद्धालु स्नान कर अपने को धन्य समझते है वो सरोवर आज कंक्रीट का मैदान है जहा बच्चे खेलते है और श्रद्धालु उसकी दश् देख कर शोकाकुल. आज गुड़ी पड़वा के नव वर्ष पर्व पर श्रद्धालु सरोवर के सूख जाने की वजह से स्नान नही कर पाये.
गत 130 वर्षो में पहली बार महाराष्ट्र के नासिक में गर्मी के चलते रामकुंड सूखा पड़ा है कहा जा रहा है की ऐसा कभी नहीं देखा गया था की इस घाट पर पानी ना हो मगर इस साल ऐसा देख सभी श्रद्धालु चिंता में हैं। हालात यह है कि अब सीमेंट निर्मित रामकुंड सूखकर एक खेल का मैदान बन गया है, जहां बच्चे फुटबॉल और क्रिकेट खेलते हैं। बताया जाता है कि इसका निर्माण 300 से अधिक साल पहले, 1696 में चितारो खातरकर द्वारा किया गया। यह पवित्र टैंक 12 मी से 27 मी के एक विशाल क्षेत्र पर फैला है। नासिक गजेट के अनुसार वर्ष 1877 मे सूखे की वजह से भी यहा की गोदावरी नदी सूख गयी थे लेकिन तब भी रामकुंड के नजदीक ही बने लक्षमण कुंड मे कुछ पानी तब भी रहा. अब शहर के प्रबुद्ध जन और र्धार्मिक हस्तियॉ इस पर विचार कर रही है कि सरोवर मे पानी कैसे लाया जाये.वी एन आई