चन्द्र्पुर,महाराष्ट्र 14अक्टूबर ( वीएनआई) महाराष्ट्र के ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में एक नया और रोमांचक सफर शुरू होने वाला है, जहा सैलानी घने जंगलों के ऊपर से एरियल व्यू का आनंद तो ले ही पायेंगे साथ ही जंगलों में घूमते, वन्य जीवों को उनके प्राकृतिक निवास में निर्भीकता से विचरतें हुयें भी देख पायेंगे. सूत्रों के अनुसार यहां जल्द ही पर्यटकों को कुछ ऐसा अनुभव होगा, जो उन्हें दुनिया में और कहीं नहीं होगा। यहाँ विश्व की पहली रोपवे वाइल्डलाइफ सफारी शुरू की जा रही है। पहल फ्रांसीसी रोपवे कंपनी "पोमा सेस" की मदद से हो रही है। इसका उद्देश्य वन्यजीव पर्यटन को अधिक आकर्षक बनाना है।
गौरतलब है कि ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व की स्थापना 1995 में प्रोजेक्ट टाइगर के तहत 41वें टाइगर रिजर्व के रूप में की गई थी और यह महाराष्ट्र का सबसे बड़ा और सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है इस रिजर्व में बाघ, तेंदुआ, सुस्त भालू, गौर, नीलगाय, ढोल, धारीदार लकड़बग्घा, छोटा भारतीय सिवेट, जंगली बिल्लियां जैसी कई प्रजातियां पाई जाती हैं ताडोबा स्थलकी खूबसूरती सिर्फ वन्यजीवों से ही नहीं, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं से भी है। ताडोबा नाम स्थानीय आदिवासी लोगों के अपने वन देवता की पूजा से जुड़ा हुआ है। अंधारी महाकाली गुफाओं के पास की पहाड़ी इस क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती है। इतिहास और प्रकृति का यह अनोखा संगम ताडोबा को एक जादुई जगह बनाता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जब फ्रांस के बेंजामिन फौचियर डेलाविग्ने ने इस परियोजना का अनावरण कियामहाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ एक बैठक में, डेलाविग्ने ने बताया कि यह रोपवे आगंतुकों को ताडोबा-अंधारी का एक नया अनुभव देगा। यहाँ के खूबसूरत दृश्य पार्क के अद्भुत पहलुओं को उजागर करेंगे। यह सिर्फ एक सफारी नहीं है; यह प्रकृति के साथ चलते हुयें में एक नई यात्रा है, जहाँ हर दृश्य आपको नीचे की अद्भुत छटा वाली प्राकृतिक खूबसूरत दुनिया की और आक्र्षित करेगा
यह रोपवे इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह ताडोबा-अंधारी की खूबसूरती , वन्यजीवों और वातावरण को बचा सके साथ ही पर्यटक भी पूरी तरह से सुरक्षित रह सकें।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार पर्यटन और वन विभाग के साथ मिलकर सुनिश्चित करेगी कि यह परियोजना अभयारण्य की ज़रूरतों के अनुसार हो, ताकि वन्यजीव शांति से रह सकें और पर्यट्कों को प्रकृति के सौन्दर्य को नए तरीके से देखने का भी मौका मिले। इस सफारी की सबसे बड़ी खासियत होगी कि बिना कोई खतरा मोल लिये अथवा पर्यावरण या वन्य जीवों को नुकसान पहुंचाये न्यूनतम दूरी को बनाए रखते हुए पर्यटक प्राकृतिक नजारों का आनंद उठा सकें ्जिससे जंगल की शांति भी भंग नहीं होगी। वी एन आई
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